गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार जहां राम वन गमन मार्ग पर पर्यटन परिपथ सर्किल बनाकर भगवान राम के प्रति आस्था प्रकट कर रही है. वहीं गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में सर्व आदिवासी समाज एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी रावण समेत महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हुए उसके दहन पर रोक लगाने का अल्टीमेटम जिला प्रशासन को दिया है.
जिसके तहत सर्व आदिवासी समाज ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए लिखा है कि नवदुर्गा पूजा में स्थापित देवी प्रतिमा में महिषासुर को देवी के चरणों के पास अमानवीय तरीके से रखा जाता है. वहीं रावण को जलाकर जिस तरह जश्न मनाया जाता है. वो ठीक नहीं है. वो उनके पूर्वज हैं. ऐसा करने से सर्व आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त (Tribals protest against Ravana combustion) है.
वहीं रावण को अपना पूर्वज बताने पर जानकारों ने पुराणों में वर्णित लेखों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ''उत्तम कुल पुलस्ति कर नाती, सिव बिंरचि पूजेहु बहु भांति'' रावण सुमाली ऋषि का नाती था और यदि यह मान भी लिया जाए कि वह इनके भी पूर्वज थे तो क्या अहंकार , पर स्त्री हरण, अत्याचार जैसे रावण की बुराइयों को क्या वे सही मानते हैं. वैसे भी हिंदुस्तान बहुत बड़ा है जहां सभी परंपराएं चलती हैं. मरवाही विधानसभा के सर्व आदिवासी समाज हिंदुस्तान नहीं हैं.