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बिलासपुर: गलत ट्रैक पर पैसेंजर ट्रेन भेजने पर तीन स्टेशन मास्टर सस्पेंड

बिलासपुर रेलवे स्टेशन (Bilaspur Railway Station) पर गलत ट्रैक (wrong track) पर बिलासपुर-रायगढ़-गोंदिया झारसुगड़ा पैसेंजर (Bilaspur-Raigarh-Gondia Jharsuguda Passenger) ट्रेन को भेजने के मामले में लापरवाह तीन स्टेशन मास्टरों (station masters) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (Suspend) कर दिया गया. मामले में स्टेशन मास्टर डीके स्वर्णकार और केके सिन्हा की लापरवाही सामने आई. जैसे ही इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई, देर रात ही उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया.

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Published : Sep 8, 2021, 9:47 PM IST

three station master suspended
तीन स्टेशन मास्टर सस्पेंड

बिलासपुरःस्थानीय रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को एक बड़ा हादसा होते होते रह गया. इस मामले में दोषी तीन स्टेशन मास्टरों (three station masters) को देर रात आदेश (Order) जारी कर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.

मामले में जब जांच की गई तो स्टेशन मास्टर डीके स्वर्णकार और केके सिन्हा की लापरवाही सामने आई. जैसे ही इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई, देर रात ही उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया. वहीं कंट्रोलिंग (controlling) वाले स्टेशन मास्टर राघव राव से भी पूछताछ की गई.

बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर टला था बड़ा हादसा

बिलासपुर रायगढ़-गोंदिया झारसुगड़ा पैसेंजर ट्रेन मंगलवार की दोपहर बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर भयंकर दुर्घटना होते-होते बच गई थी. उसे जिस प्लेटफार्म पर आने का सिग्नल (Signal) दिया गया था, उस प्लेटफार्म (Platform) पर पहले से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस (chhattisgarh express) की खाली रैक खड़ी थी. माना जा रहा है कि ऐसा आरआरआई (RRI) केबिन के स्टेशन मास्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ है.

इस मामले में जब जांच की गई तो स्टेशन मास्टर डीके स्वर्णकार और केके सिन्हा की लापरवाही सामने आई. जैसे ही इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई, देर रात में ही उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया. वहीं कंट्रोलिंग वाले स्टेशन मास्टर राघव राव से भी पूछताछ की गई. इसके बाद बुधवार को उनको भी सस्पेंड कर दिया गया है.

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लोको पायलट की सतर्कता से टला था बड़ा हादसा

दोपहर करीब 1.20 बजे रायगढ़ से झारसुगड़ा जाने वाली जेडी पैसेंजर बिलासपुर आ रही थी. उसे 4 नंबर प्लेटफार्म पर जाने की सूचना ट्रेन के लोको पायलट (loco pilot) को दी गई थी. चुचुहियापारा ओवरब्रिज (Chuchuhiapara Overbridge) से पहले होम सिग्नल (home signal) पार करते ही ट्रेन ने पटरी चेंज (track change) की तो लोको पायलट को आशंका हुई कि ट्रेन गलत ट्रैक पर जा रही है.

उसने तत्काल ट्रेन रोकी और बिलासपुर के स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी. सूचना आरआरआई केबिन को भी दी गई. लोको पायलट की सतर्कता से ही स्टेशन पर एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया. नहीं तो दो पैसेंजर ट्रेनों के बीच टक्कर होना तय था.

पिछले दिनों भी रेलवे में डिरेल के 3 मामले सामने आए थे, जिनमें शंटर को सस्पेंड किया गया था. लगातार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कर्तव्य को लेकर लापरवाही हो रही है. हालांकि की रेल प्रशासन (Railway Administration) की ओर से इन सभी मामलों में करवाई भी किया जा रहा है.

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