बिलासपुर :दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2020 -21 में रेलवे बोर्ड के दिये गए 173 मिलियन टन माल ढुलाई लक्ष्य को पार कर लिया है. रेलवे ने 186 मिलियन टन से ज्यादा माल की ढुलाई की है. ये पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी ज्यादा है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे भारतीय रेल का पहला और एकमात्र जोन है, जिसमें शेषनाग, सुपर शेषनाग और भारत की सबसे लंबी रेलगाड़ी वासुकी का सफल परिचालन किया गया है. रेलवे ने 10 हजार क्रेक ट्रेन का सफल परिचालन किया है. किसानों के उत्पादकों को खेत से बाजार तक पहुंचाने के लिए छिंदवाड़ा से तीन किसान ट्रेनों का परिचालन किया गया.
SECR के अन्य कार्य
अधोसंरचना के विकास में वित्तीय वर्ष 2020 -21 में 300 से आधिक किलोमीटर नई ट्रैक की रिकार्ड कमीशनिंग की गई है. चांपा-झारसुगड़ा के बीच तीसरी लाइन, गोधनी-कलमना के बीच दोहरीकरण, जबलपुर-गोंदिया और नागपुर-छिंदवाड़ा के बीच गेज परिवर्तन का काम किया गया.
- यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी करते हुए पूरे जोन में 17 नए फुट ओवर ब्रिज बनाए गए.
- 27 स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की ऊंचाई भी बढ़ाई गई.
- 5 स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की लंबाई को बढ़ाया गया.
- डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 21 स्टेशनो पर फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई.
- 570 रूट किमी में स्पीड की बढ़ोतरी की है, जो कि दिये गए लक्ष्य से 120% ज्यादा है.
- नागपुर और दुर्ग के बीच 262 किमी के सेक्शन में गाड़ियों के स्पीड को बढ़ाकर 130 किमी/घंटा की रफ्तार से गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है.
- रेल परिचालन को और सुगम बनाने के लिए डोंगरगढ-बोरतलाव–राजनांदगांव की बीच 49 किमी की ऑटो सिंगनलिंग की गई है.
- 16 स्टेशनों में इलेक्ट्रिनिक इंटर लाकिंग और 26 स्लाइडिंग बेरियर भी लगाए गए है.
- 28 मानवसहित समपार फाटको को बंद किया गया.
- दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे में 243 रूट किमी का रिकार्ड विद्युतीकरण किया गया है.
- साईडिंग में 32 ट्रैक किमी का विद्युतीकरण भी किया गया.