बिलासपुरः छात्रावासों में स्वास्थ्य व्यवस्था एवं स्वास्थ्य परीक्षण की एक बार फिर पोल खुली है. जहां शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय में स्वास्थ्य परीक्षण के अभाव में एक छात्रा की मौत (student's death) हो गई.
बिलासपुर में छात्रा का संदिग्ध मौत आरोप है कि लापरवाह प्रबंधन छात्रा का इलाज कराने के बजाय उसे घर भेज दिया. मामला प्रकाश में आने के बाद विभाग लीपापोती में जुट गया है. मामला एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय नेवसा का है. जहां कक्षा 7 वी में पढ़ने वाली छात्रा पाखी लकड़ा की बीते दिनों छात्रावास में तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद छात्रावास प्रबंधन ने उसका इलाज कराने के बजाय उसे घर भेज दिया.
जानकारी के मुताबिक छात्रावास खुलने के बाद से एक बार भी छात्रावास में स्वास्थ्य परीक्षण हुआ ही नहीं हुआ. छात्रा एनीमिक (anemic) थी. साथ ही उसे यूरिन इंफेक्शन भी था. पूरा मामला मरवाही के लटकोनी गांव के रहने वाली 13 वर्षीय पाखी लकड़ा का है जहां उसके परिज बेहतर भविष्य एवं अच्छी शिक्षा के लिए उसे एकलव्य आवासीय विद्यालय नेवसा भेजा था. पर उन्हें क्या पता था कि प्रबंधन इतना लापरवाह होगा.
लगातार कर रही थी छात्रा शिकायत
बीते 17 नवंबर को पाखी का फोन उसके पिता के मोबाइल पर आया जिसमें उसने चार-पांच दिनों से लगातार सिर दर्द होने एवं तबीयत खराब होने की शिकायत की. जिसके बाद दूसरे दिन पाखी का पिता जो मरवाही के लरकेनी गांव में रहता है, अपनी बेटी से मिलने एकलव्य आवासीय विद्यालय पहुंचे. बिलासपुर के वंदना मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में जब पाखी को भर्ती कराया गया एवं उसकी जांच हुई तो छात्रा एनीमिक निकली. साथ ही उसके यूरिन एवं ब्लड में इंफेक्शन था. इलाज के दौरान उसकी हालत गंभीर हो गई. आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां बीते 21 नवंबर को उसकी मौत हो गई.
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स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर उठा सवाल
एकलव्य आवासीय विद्यालय की छात्रावास अधीक्षक से बात की गई तो पता चला अधीक्षिका प्राथमिक शाला में पदस्थ हैं एवं अटैचमेंट पर एकलव्य आवासीय विद्यालय जैसे महत्वपूर्ण छात्रावास में अधीक्षक का कार्य संपादन कर रही हैं. अधीक्षक की गंभीर लापरवाही इस बात से भी परिलक्षित होती है कि नियमानुसार हर छात्रावास में बच्चों के प्रवेश के साथ ही सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य है.
पर अब तक छात्रावास में स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया गया. अधीक्षक की मानें तो 16 तारीख की शाम को छात्रा ने सिर दर्द की शिकायत की थी. जिसके बाद उसे पेरासिटामोल की गोली दी गई एवं उसे उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया.