बिलासपुर: अमूमन हम सभी में ये सामान्य सी धारणा है कि सरकारी स्कूलों के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में कम होनहार होते हैं. इसके पीछे की वजह भी है, शायद सरकारी स्कूलों का स्तर अभी पूरी तरह से इतना ऊपर नहीं उठा है जो, निजी स्कूलों को टक्कर दे सके. लेकिन आज हम आपको छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के ऐसे अविष्कारों से रू-ब-रू कराएंगे, जिन्हें देख आप कह उठेंगे वाह क्या इनोवेशन है.
SPECIAL: बड़े क्रिएटिव और इनोवेटिक हैं ये जूनियर साइंटिस्ट
सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने विद्यालय की प्रयोगशाला (एटीएल) में तीन नए अविष्कार किए हैं. इन इनोवेशन्स ने जिला और प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है.
बिलासपुर की सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने विद्यालय की प्रयोगशाला (एटीएल) में तीन नए अविष्कार किए हैं. इन इनोवेशन्स ने जिला और प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है. छात्रों का पहला अविष्कार है कृषि मित्र, जैसा की नाम से ही जाहिर होता है कि यह किसानों का दोस्त साबित होने वाला है.
छात्रों के दूसरे अविष्कार को ग्रीन सिल्ड का नाम दिया गया है. यह क्या है और कैसे काम करता है. इस बारे में आपको खुद बता रहे हैं इसका अविष्कार करने वाले जूनियर साइंटिस्ट.
छात्रों का तीसरा अविष्कार पर्यापरण के साथ-साथ स्वच्छता के लिए मील का पत्थर शामिल होने वाला है.
नीति आयोग की ओर से की ओर से कराई गई प्रतियोगिता में तीनों प्रोजेक्ट्स ने देशभर के टॉप 100 में अपना स्थान बनाया है. छात्रों की इस कामियाबी से संस्था के टीचर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं.
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की इस कामियाबी ने बता दिया कि अगर किसी काम को मेहनत और लगन से अंजाम दिया जाए तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. अब बस जरूरत है तो इन होनहारों की इस कला तो ग्लोबल लेवल की पहचान दिलाने की.