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'धर्मांतरण' के आगे सभी मुद्दे 'फेल', दो दलों के बीच चल रहा वोट का 'खेला'! - two party

प्रदेश की राजनीति (state politics) कुछ अलग ही रूप लेने लगी है. यहां विकास (growth), बेरोजगारी (unemployment), महंगाई (inflation) और कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का काम होता था. हाल के कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण (conversion) के आगे बाकी के मुद्दे फीके पड़ने लगे हैं. प्रदेश के दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियां (major political parties) एक दूसरे पर धर्मांतरण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप (Counter charges) कर रही हैं.

Biggest political game of 'Vote' in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में 'वोट' का सबसे बड़ा राजनीतिक खेल

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Published : Sep 18, 2021, 5:52 PM IST

बिलासपुरः हाल के कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ राज्य में धर्मांतरण (conversion) के आगे बाकी के मुद्दे 'गौण' पड़ने लगे हैं. प्रदेश की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियां (major political parties) कांग्रेस (Congress) और भाजपा (B J P) का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप (Counter charges) चल रहा है.

भाजपा कांग्रेस सरकार आने के बाद धर्मांतरण बढ़ने की बात कह रही है. वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा (BJP)के शासनकाल (Reign) में हुए धर्मांतरण का दोषी विपक्षी (Opposition guilty of conversion) दल को मान रही है. डॉ रमन सिंह के शासन काल में धर्मांतरण की बात कही जा रही है.

दो दलों का चल रहा छत्तीसगढ़ में 'वोट' का सबसे बड़ा राजनीतिक खेल

इन दिनों धर्मांतरण को लेकर बिलासपुर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है. भाजपा धरना, रैली, आंदोलन के बाद अब थानों में सिलसिलेवार सबूत के साथ शिकायत कर रही है. जहां एक तरफ प्रदेश भाजपा कांग्रेस शासनकाल में धर्मांतरण बढ़ने की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा को ही दोषी ठहराते हुए कह रही है कि भाजपा शासनकाल में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हुआ. धर्मांतरण इतने ज्यादा हुए की 8-10 साल पहले भाजपा के कद्दावर भाजपा नेता ने गंगाजल से पैर धुलवाकर धर्मांतरण किए हुए लोगों को घर वापसी के लिए कहा है.


थानों में अब भाजपाई करने लगे हैं शिकायत

पूर्व सांसद दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र और अभी घर वापसी का जिम्मेदारी संभाल रहे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने धर्मांतरण पर कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया है. धर्मांतरण को अचानक मुद्दा बनाने के पीछे चाहे जो भी कारण हो लेकिन भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस को पूरी तरह घेरा है. भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) धर्मांतरण (conversion) का मुद्दा उठाई. जिसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहले धर्मांतरण का सबूत दो. इस मामले में जवाब देते हुए बीजेपी ने धर्मांतरण किये लोगों और संविधान (Constitution) को लेकर कुछ बयान के रिकार्डिंग (recording) का पेन ड्राइव (pen drive) थानों में शिकायत के रूप में सबूत के तौर पर दिया और अब कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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सोनिया गांधी पर धर्मांतरण को 'शह' देने का आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री (former union minister) दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र और वर्तमान में घर वापसी की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इस मामले में कहा कि धर्मांतरण (conversion) कांग्रेस की देन है. आजादी के बाद से कांग्रेस की सरकार (Congress government) ने देश मे राज किया. तब से ही धर्मांतरण शुरू हो गया था और इसके बाद कांग्रेस की अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी के समय धर्मांतरण जोरों पर रहा. कांग्रेस धर्मांतरण को रोकने की बजाय चुपचाप बैठी देखती रही और देश में धर्मांतरण का काम चलता रहा.

प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ने धर्मांतरण किए हुए लोगों को जबरदस्ती घर वापसी नहीं कराया बल्कि जिन्हें लालच देकर और उनका ब्रेन वॉश कर धर्मांतरण कराया गया था. उन्हें वो उनकी मर्जी से गंगाजल से पैर धुलवाकर 'हिंदू धर्म' में लाए थे. प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि चंगाई सभा के माध्यम से सुदूर अंचल के सीधे-साधे गरीब आदिवासियों और एससी समाज के लोगों को लालच देकर उनसे उनका धर्म बदलवाया जाता है और ईसाई समाज में लाते हैं.

हो रही है वोट की राजनीति
भले ही दोनों ही पार्टी धर्मान्तरण को लेकर एक दूसरे पर तंज कस रही है लेकिन दोनों ही पार्टी वोट की राजनीति के लिए यह सब कह रही हैं. वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं बल्कि जोर जबरदस्ती से कराए जा रहे धर्मान्तरण के खिलाफ हैं. दोनों पार्टी नेताओं का कहना है कि सभी धर्मों को लेकर उनका सम्मान उतना ही है जितना धर्मों को लेकर. अब राजनीति के इस खेल के चक्कर में जिस समाज को निशाना बनाया जा रहा है, उसकी वोट राजनीति को भी बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.

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