बिलासपुरः वायरल फीवर (viral fever) के बढ़ते मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. शासकीय और अशासकीय अस्पतालों (Government and non-government hospitals) में रोजाना बड़ी संख्या में वायरल फीवर के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. शासकीय आंकड़ों (official statistics) में यह संख्या पूरे जिले में हजार से भी अधिक है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह मौसमी बीमारी (seasonal illness) है और हर साल यह बीमारी की दस्तक देती है.
कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) के बाद जन-जागरूकता लोगों में बढ़ी है. यही कारण है कि लोग थोड़ी सी भी हरारत, सर्दी, जुकाम और तबियत के बिगड़ने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं. लेकिन एक बात यह भी है कि बड़ी संख्या में जिले में वायरल फीवर (viral fever) के मरीजों के सामने आने से स्वास्थ्य महकमे (health department) में चिंता बढ़ गई है. मरीजों को पहले वायरल फीवर में 3 या 4 दिन में आराम मिल जाता था.
इसी तरह मौसमी सर्दी, जुकाम 6, 7 दिन या 8 से 10 दिन तक की होता था लेकिन इस बार वायरल फीवर 8 से 10 दिन तक और सर्दी जुकाम 10 से 15 दिन तक हो रहा है. कहीं इस तरह फैल रहे वायरल फीवर के मरीज मिलने से यह तो नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) ने दस्तक दे दी है? विभाग में भी हड़कंप है.
इस मामले में सिम्स मेडिकल कॉलेज (Medical college) के डॉक्टर (doctor) का कहना है कि वायरल फीवर (viral fever) एक मौसमी बीमारी होती है और इसमें मरीजों की संख्या अधिक रहती है. कोरोना के मामले में डॉक्टर ने कहा कि अभी सिम्स मेडिकल कॉलेज में बहुत कम संख्या में लोग कोरोना की जांच के लिए पहुंच रहे हैं और ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्हें कहीं जाना है या उनके सर्विस में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट देना है.
वही लोग अभी यहां पहुंच रहे हैं. डॉक्टर कहती हैं कि अभी इसे तीसरी लहर तो नहीं कह सकते, लेकिन तीसरी लहर आने के पहले ही हमें सावधानियां रखनी होगी.