बिलासपुर:सबसे पुराने विज्ञान महाविद्यालय को आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय में परिवर्तित करने के घोषणा के विरोध में छात्र लामबंद (Atmanand English College in bilaspur) हो गए हैं. निर्णय का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. छात्रों ने इसके लिए ई राघवेंद्र राव विज्ञान महाविद्यालय (साइंस कॉलेज) बचाओ मुहिम शुरू किया है. ई राघवेंद्र राव महाविद्यालय को बचाने के लिए छात्र लोगों का समर्थन मांग रहे हैं. शासन से भी निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं. सहमति और असहमति को लेकर अब छात्रों पर दबाव भी बनाया जा रहा है. इन सभी मामले के बीच छात्र नेताओं ने अध्यापन कार्य बंद कर दिया है.
क्यों हो रहा विरोध: शहर में 1972 से संचालित विज्ञान महाविद्यालय जिसे ई राघवेंद्र स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय के नाम से जाना जाता है. राज्य सरकार ने इसे इस सत्र से आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय में परिवर्तित करने की घोषणा की है. जिसके बाद शासन व महाविद्यालय स्तर पर इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शासन की मंशा है कि गरीब बच्चो को अंग्रेजी की शिक्षा मुफ्त मिले. यही कारण है कि राज्य सरकार प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने के बाद अब अंग्रेजी माध्यम कॉलेज खोलने जा रही है.
सहमति पत्र भरवा रही सरकार:राज्य सरकार की घोषणा के बाद उच्च शिक्षा विभाग अब ई राघवेंद्र राव महाविद्यालय के तमाम शिक्षकों और विद्यार्थियों से सहमति असहमति पत्र भरवा रही है. राज्य सरकार की मंशा है कि जिन छात्रों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई नहीं करनी है वे असहमति देंगे, तो उन्हें शहर के दूसरे महाविद्यालय में शासकीय तौर पर भर्ती करवाया जाएगा. जिससे उन्हें न तो कोई एडमिशन खर्च लगेगा और न ही उन्हें कोई परेशानी होगी. इसके साथ ही शिक्षकों को भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया है.
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