बिलासपुर: मीसाबंदियों की रोकी गई पेंशन देने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Misa Bandi Pension Hearing in Chhattisgarh Highcourt) के आदेश को छत्तीसगढ़ शासन ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में चुनौती दी है. पेंशन को प्रावधानों के विपरीत बताते हुए शासन ने रिट अपील दायर की थी. शासन की तरफ से अध्यादेश जारी कर पेंशन निरस्त करने के खिलाफ मीसाबंदियों ने याचिकाएं दायर की हैं. 40 से ज्यादा रिट अपील व विभिन्न याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 6 दिसंबर को सुनवाई तय की है.
Misa Bandi Pension Hearing in Chhattisgarh Highcourt: 6 दिसंबर को सुनवाई - case of stopping pension of Misa bandi
मीसाबंदियों की पेंशन रोकने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई (Misa Bandi Pension Hearing in Chhattisgarh Highcourt) हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 6 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख दी है.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई
छत्तीसगढ़ में भाजपा शासनकाल में मीसाबंदियों को पेंशन देने की स्कीम शुरू की गई थी. कांग्रेस सरकार के आते ही मीसाबंदियों के पेंशन को भौतिक सत्यापन के नाम पर बंद कर दिया गया. इसके खिलाफ एक के बाद एक सैकड़ों मीसाबंदियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं पेश की. हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद सभी मीसाबंदियों के जनवरी 2019 से 2020 तक के रोके गए पेंशन दिए जाने का आदेश सुनाया. इस आदेश को राज्य शासन ने डिवीजन बेंच में अपील प्रस्तुत की थी.