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पेंड्रा रोड में पत्नी की हत्या के दोषी पति को आजीवन कारावास

पेंड्रा रोड अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Additional District and Sessions Judge) ने पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा (life sentence) सुनाई है. पेण्ड्रा के टागियामार गांव का मामला था. जहां पर दाम्पत्य जीवन में विवाद (dispute in married life) के चलते अपनी सोयी हुयी पत्नी की अपनी बेटी के सामने ही धारदार हथियार से हत्या (murder with a sharp weapon) कर दी. हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा अपर सत्र न्यायाधीष द्वारा सुनाई गई.

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Published : Dec 10, 2021, 7:55 PM IST

Life imprisonment to guilty husband
दोषी पति को आजीवन कारावास

गौरेला पेंड्रा मारवाहीःपेंड्रा रोड अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति को आजीवन कारावास (life imprisonment to husband) की सजा सुनाई है. पेण्ड्रा के टागियामार गांव का मामला था. जहां पर दाम्पत्य जीवन में विवाद (dispute in married life) के चलते अपनी सोयी हुयी पत्नी की अपनी बेटी के सामने ही धारदार हथियार से हत्या (murder with a sharp weapon) कर दी. हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा अपर सत्र न्यायाधीष द्वारा सुनाई गई.

पेंड्रा थाना क्षेत्र के टंगियामार गांव में रहने वाला मंगलसिंह गोड़ (55) का अपनी पत्नी फुलवरिया बाई से आए दिन विवाद करते रहता था. इस बीच वह अपनी पत्नी से अलग हर्राटोला गांव में रहने लगा था. घटना दिनांक को वह टंगियामार गांव आया. उस वक्त उसकी पत्नी फुलवरिया बाई सो रही थी और घर में सोते हुए अपनी पत्नी को फरसा से मौत की घाट उतार दिया. उसकी बेटी भी मां के पास ही सो रही थी.

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अपर सत्र न्यायाधीष ने सुनाया फैसला

घटना की सूचना पुलिस को दी गई. जिस पर पुलिस ने अपराध कायम कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीष विनय कुमार प्रधान ने आरोपी दोष सिद्ध मंगलसिंह गोड़ को भादवि की धारा 302 के अपराध में आजीवन कारावास एवं 50 रुपये अर्थदंड की सजा (penalty sentence) सुनाई. इस मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक पंकज नगाईच ने किया.

वहीं, मृतिका के दो बेटों के अलावा एक 11 साल की बेटी है. उसकी मां की हत्या हो गई है और हत्यारा भी बेटी का पिता है. ऐसे में वह पूर्ण रूप से माता पिता के आश्रय से वंचित रह गई है. मृतिका के बच्चों को मानसिक पीड़ा एवं आर्थिक क्षति कारित हुई है. ऐसी स्थिति में धारा 357 ए के तहत पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत बच्चों को समुचित प्रतिकर दिये जाने के लिये निर्णय की एक कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव को भेजने का निर्देष भी दिया है.

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