बिलासपुर:बीते दिनों ETV भारत ने बिलासपुर के पुलिस परिवार के दर्द को बखूबी आपके सामने पेश किया था. किस तरह पुलिस परिवार आज भी जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं . औरों को चैन की नींद सुलाने के लिए दिन रात मशक्कत करनेवाले पुलिस परिवार का दर्द सुननेवाला कोई नहीं है. इस मामले में ETV भारत की खबर का असर हुआ है. अब पूरी तरह जर्जर हो चुके पुलिस के आशियानों का नया निर्माण संभव हो सकेगा. इस निर्माण को लेकर विभागीय रूपरेखा तैयार की जा रही है.
खंडहरनुमा मकानों में रहने को मजबूर पुलिसकर्मी
ईटीवी भारत ने पुलिस परिवार के टूटे-फूटे और खंडहरनुमा मकानों को आपको दिखाया था. यह मकान कोतवाली थाना परिसर में हैं. यह पुलिसकर्मियों की मजबूरी का ठिकाना बना हुआ है. मजबूरी का ठिकाना इसलिए क्योंकि इसी आदम जमाने के मकान में पुलिसकर्मी आज भी अपना पनाह बनाए हुए हैं.
पुलिसकर्मियों ने ETV भारत को बताई थी अपनी पीड़ा
सीमित आमदनी में परिवार चलाने वाले पुलिसकर्मी शहर में किराए के महंगे मकान में नहीं रह सकते. उन्हें मजबूरन उन मकानों में रहना पड़ रहा है जो कभी भी गिर सकता है. जिसे रहने लायक तो बिल्कुल नहीं कहा जा सकता. जब ETV भारत की टीम मजबूर पुलिसकर्मियों के बदहाल ठिकाने पर पहुंचीं तो पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों का दर्द छलक कर बाहर आ गया था. सबने अपनी पीड़ा हमारे सामने जाहिर की थी.
बिलासपुर: घर नहीं 'खंडहर' में रहने को मजबूर हैं शहर के रखवाले