बिलासपुर: स्मार्ट सिटी कंपनियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से नए प्रोजेक्ट को तुरंत अनुमति देने की मांग की है. अन्यथा 31 मार्च के बाद केंद्र सरकार पैसा वापस ले लेगी. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सामान्य सभा और मेयर इन काउंसिल से अनुमति लें तो कोई आपत्ति नहीं है. इस मामले में अन्य पक्ष की सुनवाई शुक्रवार को भी होगी.
रायपुर, बिलासपुर नगर निगम की निर्वाचित संस्थाओं के अधिकारों को हड़प कर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा कार्य करने के आरोप के मामले में पेश जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi Senior Advocate of Supreme Court) ने नए प्रोजेक्ट को अनुमति देने की मांग की और याचिका खारिज करने को कहा है. मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि अधिवक्ता विनय दुबे द्वारा लगाई गई यह जनहित याचिका चलने योग्य नहीं है. क्योंकि इसमें निर्वाचित व्यक्तियों को स्मार्ट सिटी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल करने की मांग की गई है. जबकि ऐसी मांग वे स्वयं याचिका लगाकर कर सकते हैं. इसके साथ ही रोहतगी ने सभी स्मार्ट सिटी कार्यों को जनहित में बताया और कहा कि कार्यों के लिए तुरंत अनुमति दी जाए क्योंकि 31 मार्च के बाद केंद्र सरकार यह पैसे वापस ले लेगी.