बिलासपुरःआदिवासियों की जमीन (tribal land) से करोड़ों का फायदा कंपनियां लेती हैं. यह जमीन आदिवासियों को फिर वापस नहीं दी जाती. मुआवजा से जिंदगियां नहीं चलतीं. ये बातें बिलासपुर में राज्यपाल अनुसूइय्या उइके ने कही. उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण पर आंदोलन और विरोध (movement and protest) को लेकर क्या हमने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है.
जवाब यह है कि जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा तो दिया जाता है लेकिन इस मुआवजे से गरीबों की पूरी जिंदगी नहीं चलती. उन्होंने कहा कि आदिवासी ट्राइबल में रहता है और उसकी वही रोजी-रोटी होती है. वह ना तो पढ़ा लिखा होता है और न ही स्किल होती है. ताकि वह वहां से हट कर कुछ नया कर सके. नौकरी कर सके. उसका परिवार बढ़ता है.