बिलासपुर :छ्त्तीसगढ़ में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. बात करें बिलासपुर की तो अकेले जिले में ऑनलाइन ठगी के मामलों में दो सौ फीसदी इजाफा हुआ (Cyber case cases increased in Bilaspur) है. साइबर केस को सुलझाने क लिए अलग टीम काम करती है. लेकिन ये टीम आज भी 10 साल पुराने सेटअप पर काम कर रही है. वहीं जिन जवानों को कंप्यूटर की जानकारी होती है उनके भरोसे ही सारा सिस्टम रहता है. वहीं दूसरे राज्य जाकर अपराधी को पकड़ने के लिए यही टीम काम करती है. जिले में हर दिन करीब औसतन तीन साइबर ठगी के केस दर्ज होते हैं.
करोड़ों रुपए ठगों ने उड़ाए :साल2021 में शहर और ग्रामीण मिलाकर 17 थानों में साइबर ठगी के 312 केस दर्ज हुए.लेकिन संसाधनों की कमी के कारण एक तिहाई केस भी हल नहीं हो सके. लोगों की मेहनत की कमाई ठगों के पास चली गई. दो साल के भीतर केवल 33 केसों का खुलासा हुआ. सालभर में लोगों की कमाई का 2.79 करोड़ रुपए ठगों ने उड़ा लिए.बावजूद इसके कम मैन पावर और संसाधनों के साथ साइबर टीम ने कई बड़े अपराधों का खुलासा (Cyber team revealed many big crimes) किया है.
90 फीसदी मामलों में साइबर टीम की मदद :जिले में बढ़ते अपराध की रोकथाम के लिए थानों की पुलिस कमर कस तो लेती है, लेकिन अपराध को डिटेक्ट करने में बहुत ज्यादा मुखबिरों की मदद नहीं मिल पाती . ऐसे में थाना के माध्यम से साइबर टीम की मदद (cyber team support) ली जाती है. साइबर टीम के पास केस पहुंचने पर टीम सबसे पहले घटनास्थल के आसपास सर्विलेंस की मदद से एक्टिव मोबाइल नंबर की जांच करती है. इसके बाद धीरे-धीरे अपराध में शामिल अपराधी और शक के आधार पर काम शुरू करती है.साइबर टीम अपराधी और अपराध को लेकर पूरा साक्ष्य जुटाती है. जिसके बाद ही केस को सुलझाया जाता है.