बिलासपुर: राजनांदगांव जिले में स्थित निजी स्कूल ग्रीनफील्ड पब्लिक स्कूल में राइट टू एजुकेशन RTE के तहत बीपीएल कार्ड धारकों के बच्चों को प्रवेश दिया गया था. इस बीच स्कूल की मान्यता खत्म हो गई. जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए. मामले को लेकर हाइकोर्ट (Chhattisgarh High Court ) में याचिका लगाई गई. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शासन से एक हफ्ते में जवाब मांगा है.
RTE (right to education) के तहत निजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चे स्कूल की मान्यता खत्म हो जाने से पढ़ाई से वंचित हो गए. 4 बच्चों के पालकों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा की इस प्रकरण में बच्चों के भविष्य का सवाल है. राज्य शासन एक सप्ताह में जवाब पेश कर बताये की इनके लिए क्या सकारात्मक कदम तत्काल सम्भव है. 20 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.
जानिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रविवार को क्यों हुई सुनवाई ?
साल 2020 में राजनांदगांव जिले में स्थित निजी स्कूल ग्रीनफील्ड पब्लिक स्कूल (schools of rajnandgaon) में राइट टू एजुकेशन RTE के तहत बीपीएल कार्ड धारकों के बच्चों को प्रवेश दिया गया. इस बीच स्कूल की मान्यता खत्म होने से बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह गई. पैरेंट्स ने पढ़ाई से वंचित बच्चों के भविष्य को लेकर लगातार शासन, प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी से गुहार लगाई. इसकी गुहार पर बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजा गया जहां न तो पर्याप्त कुर्सियां, टेबल, न कक्ष और न ही शिक्षक थे. इससे परेशान होकर 4 बच्चों के पालकों ने एडवोकेट योगेश्वर शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में गुहार लगाई. हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस प्रकरण में बच्चों के भविष्य का सवाल है. शासन एक सप्ताह में जवाब पेश करें और बताये की क्या सकारात्मक कदम तत्काल सम्भव है.