बिलासपुर: पिछले तीन दशकों की मांग के बाद आखिरकार बिलासपुर के चकरभाठा एरोड्रम से हवाई सेवा तो शुरू कर दी गई. लेकिन सुविधाएं कम होने के कारण यहां यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. आधी अधूरी व्यवस्थाओं के साथ शुरू हुई हवाई सेवा ने यात्रियों को हलाकान कर दिया है.
बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट
जिले में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट के नाम से शुरू हुए एयरपोर्ट की अधूरी व्यवस्थाएं हवाई यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं. IFR (Instrument flight rules) एयरपोर्ट ना होने का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. एरोड्रम की कम विजिबिलिटी के कारण लगातार विमानों को दूसरे एयरपोर्ट में डायवर्ट किया जा रहा है. विमानन कंपनियां भी इसका भार यात्रियों पर ही डाल रही हैं. उन्हें बिना किसी सुविधा दिए एयरपोर्ट के बाहर छोड़ दिया जा रहा है. जिससे उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए अलग से खर्च वहन करना पड़ रहा है.
बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट मूलभूत सुविधाओं से वंचित
महानगरों से सीधे कनेक्टिविटी के लिए 9 माह पहले बिलासपुर में हाईकोर्ट के कड़ी फटकार के बाद बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट से हवाई सुविधा की शुरूवात हुई है. जिसमें फिलहाल दिल्ली, जबलपुर और प्रयागराज के लिए लोगों को हवाई सुविधा का लाभ मिल रहा है. हालांकि हवाई यात्रियों के लिए ये सुविधा कम और असुविधा ज्यादा साबित हो रही है. 9 माह बाद भी एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा विकसित नहीं की जा सकी है. अब भी एयरपोर्ट VFR फैसलिटी के साथ ही संचालित हो रहा है, जिसके कारण कम विजिबिलिटी में यहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो रही है. इसके कारण लगातार विमानों को दूसरे एयरपोर्ट में डायवर्ट किया जा रहा है. एक माह में ही तीन से चार बार ऐसी स्थिति बनी है. कम विजिबिलिटी के कारण बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में लैंडिंग करने वाले विमानों को रायपुर एयरपोर्ट डायवर्ट किया गया है.
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