बिलासपुर:भारतीय किसान संघ ने नेहरू चौक पर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. संघ के पदाधिकारियों ने मंच के माध्यम से कहा कि सरकार ने किसानों को घोषणा पत्र में भाजपा शासनकाल का दो वर्ष का बोनस देने की बात की थी. लेकिन सरकार उसे देना भूल गई है. घोषित सिंचाई योजनाएं अबतक अधूरी पड़ी है. प्रदेश के पानी पर आज भी उद्योगों का अधिकार है. ऐसे में किसानों को आंदोलन के लिए बाध्य होना ही पड़ेगा. खाद की खुलेआम कालाबाजारी होना, नामांतरण, फौतनामा और राजस्व के छोटे से छोटे काम में होने वाला भ्रष्टाचार किसानों का शोषण करता है. Bharatiya Kisan Sangh protest in Bilaspur
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15 की जगह प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदे सरकार: किसान संघ जिला अध्यक्ष धीरेंद्र दुबे ने कहा कि ''धान खरीदी प्रति एकड़ 15 की जगह सरकार 20 क्विंटल खरीदे. गौवंश की व्यवस्था के लिए गौठानों को व्यवस्थित किया जाए. किसानों को प्रोत्साहित करने मजदूरी भुगतान और भाड़ाक्रय मनरेगा से जोड़कर दिया जाए. गौवंश को सुरक्षित करने पूरे प्रदेश में लंपी वायरस का टीकाकरण कराया जाए.
धीरेंद्र दुबे ने कहा कि ''नामांतरण और आपसी बंटवारे पर रजिस्ट्री शुल्क माफ किया जाए. पहले की तरह ग्राम पंचायतों को इसका अधिकार दिया जाए. जैविक खेती उपज की जांच के लिए हर ब्लॉक में लैब लगाई जाए. जैविक फसलों की खरीदी के लिए सभी जिलों में अलग मंडी की व्यवस्था की जाए. धान खरीदी में धान की किस्मों को चार श्रेणी में बांटा जाए मोटा, पतला, एचएमटी, सुगंधित.''
धीरेंद्र दुबे ने कहा कि ''खाद परिक्षण के लिए सभी विकासखंडों में लैब स्थापित की जाए. रबी में बोई जाने वाली फसलों की भी खरीदी राज्य शासन द्वारा की जाए. गिरदावरी हो चुकी है, ऐसे में किसानों का रकबा, कृषि विस्तार अधिकारी और कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा पंजीयन कर किया जाए.''