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मुंगेली में भालू ने किया जानलेवा हमला, बैगा आदिवासी की मौत

मुंगेली में अचानकमार टाइगर रिजर्व बफर जोन में भालू के हमले से एक ग्रामीण की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि भालू के मूवमेंट की जानकारी वनविभाग ने ग्रामीणों को पहले दी थी.लेकिन ग्रामीण फिर भी तेंदूपत्ता तोड़ने इलाके में गए.

Bear did a deadly attack in Mungeli
मुंगेली में भालू ने किया जानलेवा हमला

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Published : May 16, 2022, 2:26 PM IST

मुंगेली : जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व इलाके (Achanakmar Tiger Reserve Buffer Zone ) में भालू के हमले से एक बैगा आदिवासी की मौत हो गई है. मिली जानकारी के मुताबिक मृतक अपने अन्य साथियों के साथ जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने का काम कर रहा था. इसी दौरान भालू ने हमला कर दिया. भालू के हमले से 45 वर्षीय बैगा आदिवासी की मौत हुई है. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद एटीआर प्रबंधन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.

कहां की है घटना :ये घटना अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोटा बफर क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 179 की है. जहां पर करीब 3 आदिवासी बैगा तेंदूपत्ता तोड़ने गए हुए थे. इस इलाके में अपने बच्चे के साथ घूम रहे भालू ने अचानक इन पर हमला कर दिया. हमले से एक आदिवासी बुरी तरह से घायल हो गया था. जिसकी कुछ समय बाद मौके पर ही मौत हो गई.

किसने दी घटना की जानकारी :वहीं घटना के बाद दो अन्य बैगा आदिवासी भालू के हमले से अपनी जान बचा कर मौके से भाग निकले. इस दौरान नरभक्षी हो चुका भालू काफी दूर तक इन दोनों लोगों को दौड़ाया. दोनों ही आदिवासी बीच जंगल से निकलकर गांव पहुंचे और सभी को भालू के हमले (Achanakmar Tiger Reserve Buffer Zone ) की जानकारी दी.

ग्रामीणों ने वनविभाग को दी सूचना :ग्रामीणों ने घटना की विस्तृत जानकारीवन विभाग के आला अधिकारियों को दी. जिसके बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया (Villager dies due to Mungeli attack) है. जानकारी मिली है कि मृतक कोटा बफर क्षेत्र के कुरदर गांव का रहने वाला था.

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क्यों किया भालू ने हमला :इस घटना की जानकारी के लिए ईटीवी भारत की टीम ने एटीआर प्रबंधन से बात की तो उन्होंने सारी जानकारी दी. एटीआर उपसंचालक की माने तो मृतक को पहले से ही जानकारी थी कि उस क्षेत्र में भालू का मूवमेंट है. जिसके कारण पहले भी वहां कई लोगों को मना किया जा चुका है. इस क्षेत्र में तेंदूपत्ता तोड़ने जाने के लिए वन विभाग ने भी मना किया था. लेकिन आदिवासी बैगा ने चेतावनी को दरकिनार करते हुए जंगल में जाने का फैसला लिया. जिसके बाद भालू ने बच्चों की रक्षा के लिए उस पर हमला कर दिया.

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