मीडिया से बात करते हुए एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी ने एक बार फिर साफ कहा कि छात्रों से पहले भी इस संबंध में चर्चा हो चुकी है. उन्हें नियमों के मुताबिक नौकरी नहीं मिलने की बात भी स्पष्ट रूप से कही जा चुकी है. लेकिन कुछ नेताओं और छात्रों की हठधर्मिता की वजह से एसईसीएल का कार्य प्रभावित हो रहा है. वहीं आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों का कहना है कि एसईसीएल को लोगों की शिकायत की लिस्ट सौंपी गई थी. एसईसीएल प्रबंधन की तरफ से जवाब नहीं मिला है. ऐसे में जब तक उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिल जाता, अपनी हड़ताल जारी रखेंगे. एसईसीएल मुख्यालय का घेराव करते रहेंगे.
एसईसीएल ने अपने ऑफिशियल सोशल मिडिया में लिखित जारी नोट में कहा है कि बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय में आज कोई काम-काज नहीं हो सका. देश भर में बिजली संकट की चुनौतियों के बीच कोल-डिस्पैच के डिलीवरी ऑर्डर भी जारी नहीं हो सके. इनमें छतीसगढ़ राज्य में स्थित नॉन पावर व लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रदाय किए जाना वाला कोयला शामिल है. उत्पादन, डिस्पैच, मशीनीकरण से जुड़े टेंडरों/कॉट्रैक्ट अवार्ड का काम ठप रहा.
सामग्री प्रबंधन विभाग आज कोई क्रय आदेश जारी नहीं कर सका. कुछ कार्य जिनकी डेडलाइन आज थी, उससे जुड़े अधिकारी-कर्मचारी देर शाम तक मुख्यालय के बाहर इंतज़ार करते रहे लेकिन पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षु गेट को जाम कर बैठे रहे. किसी को कार्यालय नहीं जाने दिया गया.एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले लगभग ढाई महीने में पांच बार पूर्व आईटीआई अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं से बात की गई है. 5 अगस्त को सीएमडी एसईसीएल डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने खुद प्रतिनिधि दल से बात की थी.हाल ही में सम्पन्न संसद के मानसून सत्र के दौरान कोयला मंत्री भारत सरकार प्रह्लाद जोशी ने स्पष्ट कर दिया था कि ट्रेड अप्रेंटिस का नियमितिकरण नहीं किया जा सकता है.
अप्रेंटिस एक्ट 1961(यथा संशोधित 2014) में अप्रेंटिस प्राप्त प्रशिक्षुओं को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रम इस प्रकार के अप्रेंटिस के प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं. इस सम्बंध में भारत सरकार के नियम स्पष्ट हैं. एसईसीएल में अप्रेंटिस कर चुके छात्रों के यथा लागू सभी देयताओं का भुगतान कर दिया गया है. सीएमडी एसईसीएल से बैठक के पूर्व, अप्रेंटिस छात्र संघ , निदेशक तकनीकी संचालन-सह-कार्मिक के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं.
नगर विधायक बिलासपुर भी एक बैठक में उपस्थित रहे हैं.एसईसीएल सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूर्व आईटीआई प्रशिक्षुओं को नियमित करने सम्बन्धी मांग से जुड़े प्रकरण की सुनवाई डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) रायपुर के यहां भी चल रही है. ऐसे में सुनवाई लम्बित रहते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाना अवैधानिक है.इसी बीच धरना प्रदर्शन से पहले पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं के नेता ऋषि पटेल द्वारा आंदोलन के लिए बिलासपुर आए युवा छात्रों से फार्म बी भरवाया गया है तथा सहयोग राशि भी ली गई है.ऋषि पटेल ने मीडिया को दिए अपने बयान में स्वीकार किया है कि यह उन्होंने अपनी मर्जी से किया है. ऐसा करने के लिए उन्हें एसईसीएल ने नहीं कहा है.
इससे पहले विगत 5 अगस्त को मुख्यालय घेराव के दौरान भी काफी समय तक किसी एसईसीएल अधिकारी-कर्मचारी को ऑफिस के अंदर नहीं जाने दिया गया था. कम्पनी मुख्यालय एसईसीएल के लगभग 65 खदानों के समुचित संचालन के लिए समन्वय एवं निर्देशन प्रदान करता है. मुख्यालय का संचालन ठप होने से कोयले के उत्पादन व डिस्पैच प्रभावित हो सकता है. वहीं अधिकारी कर्मचारी का मनोबल भी टूटा है.