बिलासपुर : संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल सिम्स मेडिकल कॉलेज है. यहां शासन एमबीबीएस की 180 सीटों के अनुसार 9 सौ बिस्तर का अस्पताल बनाने वाली है. जहां पहले ही संसाधन और स्टाफ की कमी से जूझ रहे अस्पताल के लिए शासन अब नया झमेला तैयार कर रहा है. अस्पताल परिसर में न तो नए भवन बनाने की जगह और न व्यवस्था, ऐसे में पूरा प्रबंधन शासन के इस निर्णय से चिंतित नजर आ रहा (Staff less work in Bilaspur Cims) है.
कितनी होने चाहिए बेड : बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 180 सीटों की मान्यता के लिए 900 बिस्तर का संचालन होना जरूरी है. राज्य शासन ने भी बिस्तर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सिम्स में स्टाफ की भारी कमी है. यहां 2 सौ बिस्तर बढ़ाने के लिए जगह भी नहीं है. ऐसे में सिम्स प्रबंधन ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. कर्मचारियों की तत्काल भर्ती करने के लिए प्रबंधन ने शासन को पत्र भेजा है. सिम्स मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 180 सीटें हैं. एमसीआई के नियमों के अनुसार 180 सीटों के लिए अस्पताल में न्यूनतम 9 सौ बिस्तर का संचालन होना चाहिए. लेकिन इसमें इस समय केवल 7 सौ बिस्तर पर ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. ऐसे में सिम्स को जल्द ही दो सौ बिस्तर बढ़ाने होंगे.
स्टाफ की है भारी कमी :सिम्स मेडिकल कॉलेज में 2 सौ बिस्तर बढ़ाने के लिए शासन ने भी निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन सिम्स के सामने बड़ी समस्या स्टाफ की कमी (acute shortage of staff in bilaspur cims) है. 350 बिस्तरों के सेटअप के अनुसार उपलब्ध कर्मचारियों और डॉक्टरों से काम चलाना पड़ रहा है. हालात ये है कि एक नर्स को 3 वार्डों में ड्यूटी करनी पड़ रही है. वार्ड में मरीज जूनियर डॉक्टरों के भरोसे रहते हैं.