सरगुजा:गार्बेज फ्री शहरों की लिस्ट में शुमार अंबिकापुर शहर जलापूर्ति के मामले में फेल होता नजर आ रहा है. इस शहर में कचरे के निपटारे की व्यवस्था तो है, लेकिन पानी की आपूर्ति करने में प्रशासन ढीला नजर आ रहा है. अंबिकापुर नगर निगम की अमृत मिशन योजना लॉकडाउन में लॉक हो गई है. 24 घंटे हर घर में पानी पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई ये योजना अब अधर में लटकी हुई है. स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के हाथों फिल्टर प्लांट का शुभारंभ कराया गया था, इसके बाद भी योजना अब तक जमीन पर नहीं उतर पाई है.
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नगर निगम अंबिकापुर में पानी की आपूर्ति के लिए अमृत मिशन योजना के तहत 15 ग्राम पंचायतों में पानी सप्लाई किए जाने की मंजूरी मिली थी. इस मिशन के तहत घुनघुट्टा बांध का पानी लोगों को 24 घंटे तक उपलब्ध कराया जाना था. इसके तहत मायापुर पानी टंकी को संपवेल से जोड़ने का काम किया जा रहा था. कर्मचारियों ने इस काम को लगभग पूरा कर लिया है. मायापुर संपवेल को जोड़ने के बाद शहर की अधिकांश टंकियों में पानी पहुंचाने का काम आसान हो गया था. टेस्टिंग के दौरान सामने आई छोटी-मोटी समस्याओं को दूर करने की ओर तेजी से काम किया जा रहा है. इन समस्याओं के निराकरण के बाद ही अन्य पानी टंकियों में मायापुर पानी टंकी का पानी सप्लाई किया जाएगा. नगर निगम ने इस काम को जल्द पूरा कर एक सप्ताह के भीतर इस योजना की शुरू किए जाने के दावे भी किए थे, लेकिन महीनेभर से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी लोगों का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है.
पाइपलाइन में भरी मिट्टी
घुनघुट्टा डैम से गांधी चौक तक की पाइप लाइन में मिट्टी भरी है. पाइपलाइन की सफाई हुए बिना पानी की आपूर्ति शुरू नहीं की जा सकती. बिना साफ-सफाई पानी की आपूर्ति की गई, तो टंकी में मटमैला पानी भरेगा, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसे देखते हुए नगर निगम अमले ने दो दिनों तक क्षमता के अनुसार पानी प्रवाहित कर पाइपलाइन की साफ-सफाई कराई. इस दौरान लगातार 12 घंटे तक बांध का पानी पाइप लाइन से बहाया गया, जिसके बाद पाइप लाइन साफ हो गई है.