जशपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर से आई एक तस्वीर विकास के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है. दुनिया डिजिटल हो रही है. सब कुछ ऑनलाइन होने लगा है. इस हाईटेक जमाने में सबकुछ मुमकिन सा लगने लगा है. लेकिन जशपुर के एक गांव में आज तक सड़क नहीं पहुंच सकी है. लिहाजा गांव के मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए कांवर का सहारा लेना पड़ा. दर्द से तड़पती महिला को दो लोगों ने उबाड़-खाबड़ रास्तों से एंबुलेंस तक पहुंचाया. इसके बाद उसे अस्पताल तक ले जाया जा सका.
जशपुर में सड़क नहीं होने का ग्रामीण भुगत रहे खामियाजा कहां का है मामला : ये पूरा मामला महनई ग्राम पंचायत के बांसाझरिया टोला (No road in Bansajharia Tola of Jashpur) का है. बांसाझरिया टोला पहाड़ी के ऊपर है. यहां 20 आदिवासी परिवार निवास करते हैं. इसी गांव में रहने वाली महिला मोहरमनी को ब्लीडिंग की समस्या हुई. गांव वाले कई दिनों से उसका झांड़-फूंक से इलाज करा रहे थे. ग्रामीणों को लगा कि किसी दैवीय प्रकोप या जादू-टोने के कारण ऐसा हुआ है. लेकिन शुक्रवार को जब हालत खराब हुई तो ग्रामीणों ने अस्पताल में ले जाने की सलाह दी.
एंबुलेंस आई लेकिन 700 मीटर दूर : गांव वालों ने एंबुलेंस को बुलाया. लेकिन वाहन चालक लोटाडांडी गांव में आकर रूक (road reached only Jashpur Lotadandi ) गया. इसके आगे सड़क नहीं बल्कि पहाड़ी थी. ऐसे में एंबुलेंस चालक ने कई बार गांव वालों को फोन किया. लेकिन नेटवर्क के कारण उनसे बात नहीं हो पाई. फिर भी एंबुलेंस चालक ने लोटाडांडी में मरीज का इंतजार किया.
2 घंटे में पहुंची मरीज : ग्रामीणों को अंदाजा लग गया कि एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाएगी. लिहाजा सभी ने महिला को कांवर में ले जाने का फैसला किया. दो लोगों ने महिला को कांवर में उठाया और पहाड़ी रास्ते से मरीज को लोटाडांडी तक पहुंचाया. इसके बाद महिला को बगीचा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब इलाज के बाद महिला की हालत में सुधार है.
सड़क बनाने के लिए चाहिए बड़ी मशीनें : जनपद पंचायत बगीचा के सीईओ विनोद सिंह के मुताबिक मनरेगा के तहत सड़क बनाने का काम शुरू किया गया था. लेकिन रास्ते में पहाड़ी है. पहाड़ी हटाने के लिए मशीनें लगेंगी. 700 मीटर की इस सड़क को पूरा करने लिए पहाड़ी को हटाना जरूरी है.