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अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा में हंगामा

अंबिकापुर की सामान्य सभा में अमृत मिशन, पीएम आवास, वेंडिंग जोन पर जमकर बवाल हुआ. सभापति ने विपक्ष को अपने आरोपों को सबूत के साथ पेश करने तीन दिन का टाइम दिया है.

Uproar in Ambikapur Municipal Corporation general meeting
अंबिकापुर नगर निगम की सामान्य सभा में हंगामा

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Published : Aug 19, 2022, 7:53 AM IST

सरगुजा :गुरुवार को नगर निगम की सामान्य सभा हंगामेदार रही. विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर जन सरोकार के मुद्दों पर चर्चा नहीं कराने, वेंडिंग जोन के निर्धारण, अमृत मिशन के तहत बनाए गए उद्यानों के संधारण मरम्मत व 106 करोड़ की जल आवर्धन योजना में भ्रष्टाचार को लेकर जमकर हंगामा किया. इस दौरान विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए. हंगामे के बीच एजेंडों पर चर्चा नहीं हो पाने की स्थिति में बहुमत से 26 एजेंडों को पास किया. सदन में विपक्ष के पार्षद को अपने आरोपों को सबूत के साथ पेश करने के लिए सभापति ने तीन दिन का समय दिया है. इसके साथ ही शिकायत व तथ्यों की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.

पीएम आवास और अमृत मिशन पर हंगामा:लगभग 20 मिनट देर से शुरू हुई सामान्य सभा में विपक्ष के नेता प्रबोध मिंज व पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने सत्ता पक्ष पर जन सरोकार के मुद्दों को शामिल नहीं करने का आरोप लगाया. विपक्ष का कहना था कि शहर में पीएम आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है. 106 करोड़ के जल आवर्धन योजना के बाद भी शहर वासियों को पानी नहीं मिल रहा है. शहर के टीपी नगर व अन्य स्थानों पर कब्जे की होड़ मची हुई है. सरकार जन सरोकार के मुद्दों पर चर्चा कराने से बच रही है. सभापति अजय अग्रवाल का कहना था कि पहले निगम की तरफ से पेश किए गए एजेंडों पर चर्चा करा ली जाए और बाद में नेता प्रतिपक्ष की तरफ से दिए गए विषयों पर चर्चा करा ली जाएगी. विपक्ष का कहना था कि जब उन्होंने जन सरोकार के मुद्दों को सामान्य सभा में रखने का प्रस्ताव दिया तो फिर उन्हें एजेंडे में क्यों शामिल नहीं किया गया.

बहुमत से पारित किया गया प्रस्ताव: हंगामे के बीच महापौर अजय तिर्की ने कहा "यदि विपक्ष को सामान्य सभा में लाए गए विषय महत्वपूर्ण नहीं लगते है तो इन्हे सत्ता पक्ष के बहुमत से पास कर दिया जाए और फिर उनके विषयों पर चर्चा की जाए. जिसके बाद हंगामा और बढ़ गया. सभापति ने मामले को संभालते हुए दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन विपक्ष के हंगामे के बीच सदन में सभी 22 विषयों को रखकर उन्हें सत्तापक्ष के बहुमत से पास किया गया. जिसके बाद विपक्ष की तरफ से दिए गए मुद्दों को अन्य विषय के रूप में लेकर चर्चा कराई गई.

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तीन दिन में पेश करें सबूत:हंगामे के बाद सत्ता पक्ष ने विपक्ष की तरफ से दिए गए विषयों पर चर्चा शुरू कराई. चर्चा के दौरान 106 करोड़ के जल आवर्धन योजना के तहत शहरवासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिलने व योजना के फेल होने का मुद्दा उठाया गया. इस दौरान विपक्ष के पार्षदों का आरोप था कि नगर निगम क्षेत्र में डीपीआर के अनुरूप काम नहीं किया गया. 30 साल पुराने एसीपी पाइप लाइन नहीं बदले गए और कई स्थानों पर डीपीआर से बाहर जाकर काम करा दिया गया. ऐसे में महापौर को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. विपक्ष के पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनी, ठेका कंपनी सहित लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.

नो वेंडिंग जोन पर हंगामा:सामान्य सभा के दौरान शहर में वेंडिंग जोन-नो वेंडिंग जोन को लेकर एक बार फिर हंगामा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि शहर में वेंडिंग जोन का निर्धारण 13 सितम्बर 2017 को आखिरी बार किया गया था. इसके बाद से शहर का तेजी से विकास हुआ. शहर में अनेकों स्थानों पर नो वेंडिंग जोन में ठेले गुमटी लगाए जा रहे हैं. जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है. चौपाटी में शाम को पैदा होने वाली स्थिति के कारण कभी भी रोड रेज जैसी घटना हो सकती है. इसके साथ ही शहर में धार्मिक स्थलों के पास ठेले गुमटियों में अंडा, बिरयानी, मांस बिक्री हो रही है. जिससे कभी भी शहर में कोई बड़ा विवाद हो सकता है.

गुमटियों से अवैध वसूली:विपक्षी पार्षद मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि शहर में संचालित ठेले, गुमटियों से जमकर अवैध वसूली हो रही है. सत्ता पक्ष के एमआईसी सदस्य भी एमआईसी की बैठक में इसपर आरोप लगा चुके है. उन्होंने ठेले, गुमटियों से वसूली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ और हंगामे के बीच सभापति अजय अग्रवाल ने 15 दिनों के भीतर वेंडिंग जोन के निर्धारण को लेकर बैठक करने के निर्देश दिए.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग को गंभीरता से लेने की जरूरत:बैठक में विपक्ष के पार्षदों ने तेजी से गिरते भूजल स्तर व रेन वाटर हार्वेस्टिंग का मुद्दा उठाया. मधुसूदन शुक्ला ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए राशि राजसात करने तक ही निगम का कार्य सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि निगम को इसका निर्माण भी कराना चाहिए. इस बात का ध्यान रखे कि सभी घरों में इसका पालन हो व सही स्थान पर इसका निर्माण कराया जाए. सभापति अजय अग्रवाल ने भी माना कि शहर में लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व को समझ नहीं रहे है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अग्रसेन भवन में दो हैडंपंप थे जो काम नहीं करते थे लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनने के बाद अब दोनों हैंडपंप पानी दे रहे हैं. लोक निर्माण प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि शहर में दो स्थानों पर निगम ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर नालियों का निर्माण कराया और बरसात का पानी अब सीधे नाली में जाकर जमीन को चार्ज कर रहा है. ऐसे में यह प्रयोग सफल रहा और इस दिशा में हमें काम करने की जरूरत है.


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