कोरिया:कोरिया का जिला अस्पताल इन दिनों मरीजों का इलाज करने के चक्कर में खुद ही बीमार हो चुका है. जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ योगेश्वर सराटिया की तबीयत खराब होने के कारण 21 अप्रैल से वो छुट्टी पर चले गए हैं. जबकि उनकी गैर हाजिरी में ग्रामीण क्षेत्र से बच्चों को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं. डॉक्टर नहीं होने के कारण (no childrens doctor in Koriya District Hospital )अब परिजन मायूस होकर वापस लौट रहे हैं.
अस्पताल में नहीं है डॉक्टर : जिला अस्पताल बच्चों के वार्डो की बात करें तो एसएनसीयू ,चाइल्ड वार्ड और एनआरसी के तीनों वार्डों के मरीज इमरजेंसी ड्यूटी के भरोसे हैं. सिविल सर्जन ने आदेश जारी कर इमरजेंसी ड्यूटी करने डॉक्टर को बच्चों का इलाज करने की बात कही है.
बच्चों की जान से खिलवाड़ :अब जिला अस्पताल में बच्चों का इलाज यदि बिना स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के होगा तो आप समझ लिजिए कि उसका असर कितना भयानक हो सकता (Negligence in Korea District Hospital) है. बच्चों के इलाज और रोगों के लिए पेडियाट्रिक विभाग में स्पेशलिस्ट का होना जरुरी है. अब ऐसे में यदि हड्डी विशेषज्ञ बच्चों का इलाज करके दवा देगा तो बच्चे की जिंदगी की जिम्मेदारी किसकी होगी.