अंबिकापुर: प्रदेशभर में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के आंदोलन और सामूहिक इस्तीफे के बीच सरगुजा में भी एनएचएम के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. एनएचएम संघ ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर नियमितीकरण की मांग को लेकर नारेबाजी की और उसके बाद सीएमएचओ को 350 स्वास्थ्यकर्मियों ने सामूहिक त्यागपत्र सौंप दिया. स्वास्थ्यकर्मियों के इस कदम के बाद स्वास्थ्य विभाग में व्यवस्था चरमरा गई है, हालांकि प्रबन्धन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है और संविदाकर्मियों की हड़ताल और त्यागपत्र का कोई असर स्वास्थ्य विभाग के कार्यों पर नहीं पड़ा है.
स्वास्थ्यकर्मियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा पढ़ें- बेमेतरा: NHM कर्मियों ने CMHO दफ्तर में सौंपा सामूहिक इस्तीफा, विद्यायक ने CM को लिखा पत्र
NHM के संविदा स्वास्थ्यकर्मी 19 सितंबर से अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेशभर में हड़ताल पर हैं. सरगुजा में भी इन संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. सरगुजा जिले के संविदाकर्मियों की बात की जाए, तो यहां लगभग 470 संविदा स्वाथ्यकर्मी कार्यरत हैं, जिनमें 21 डॉक्टर, 26 आरएमए, 146 एएनएम, 20 नर्स के साथ ही शेष क्लीनिकल स्टाफ और बीपीएमयू स्टाफ शामिल है. संविदा स्वास्थ्यकर्मी सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे और नियमितीकरण के साथ ही अपने साथियों की बर्खास्तगी को शून्य करने की मांग को लेकर नारेबाजी की. इसके बाद 350 संविदा स्वाथ्यकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया को सौंपा.
काम पर लौट चुके हैं 160 स्वास्थ्यकर्मी
सरगुजा में नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर चल रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया ने समझाइश देने के साथ ही उन्हें काम पर लौटने के लिए नोटिस भेजा था. नोटिस मिलने के बाद संघ दो भाग में बंट गया. 470 में से 160 संविदाकर्मी काम पर लौट आए थे. वहीं काम पर नहीं लौटने वालों को सीएमएचओ ने बर्खास्त करने की चेतावनी दी थी, लेकिन फिलहाल उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है.
प्रभावित होगा काम
एक साथ 350 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के सामूहिक त्यागपत्र से निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. संविदा स्वास्थ्यकर्मी जननी सुरक्षा योजना, प्रसव, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम,आरबीएसके, एनआरसी में कुपोषित बच्चों का ध्यान रखना, गैर संचारी रोगों के उपचार सहित अन्य कार्य करते हैं. वर्तमान में उनकी ड्यूटी कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान होने पर उन्हें अस्पताल या आइसोलेशन सेंटर पहुंचाने के साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, संदिग्ध मरीजों की सैम्पलिंग, सैम्पल की पैकेजिंग का है. कई आइसोलेशन सेंटर में इनकी ड्यूटी लगाई गई थी. सामूहिक इस्तीफे से व्यवस्था चरमरा गई है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संवदाकर्मियों के हड़ताल पर जाने और त्यागपत्र देने से कोई व्यवस्था नहीं बिगड़ी है. पर्याप्त संख्या में नियमित कर्मचारी मौजूद हैं जो अपना काम कर रहे हैं.
आंदोलन कर रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उनसे नियमितीकरण का वादा किया था. सरकार गठन के बाद इतना लंबा समय बीत चुका है, इसके बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और अब हड़ताल पर जाने के बाद भी उनकी बातों को सुनने के लिए सरकार तैयार नहीं है. शासन का कोई प्रतिनिधि उनकी सुध लेने भी नहीं आ रहा है.