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Loan to dead farmers: यहां मुर्दों को मिल गया लोन, अब परिजनों से बैंक कर रहा वसूली - मुर्दों को मिल गया लोन

Loan to dead farmers: फर्जीवाड़े के तरह तरह के कारनामे सरगुजा में देखने को मिलते हैं. कभी बिना जमीन के लोगों को किसान बनाकर उनके नाम से लोन निकाल लिया जाता है तो कभी मुर्दों को ही लोन दे दिया गया है. बड़ी बात यह है कि ये कारनामे एक ही सहकारी समिति में किये गये हैं. पिछले वर्ष ETV भारत ने ही इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जब भूमिहीन लोगों के नाम से फर्जी लोन निकाल कर भ्रष्टाचार किया गया था. आज इसी सहकारी समिति ने नए कारनामे को अंजाम दिया है. जिस व्यक्ति की वर्ष 2019 में मृत्यु हो चुकी है, उसे वर्ष 2020 में कृषि ऋण दे दिया गया है.Chando cooperative society of Lakhanpur block

Loan given to dead farmers
चांदो सहकारी समिति में लोन फर्जीवाड़ा

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Published : Sep 22, 2022, 3:21 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 6:48 PM IST

सरगुजा:यह मामला है सरगुजा जिले में लखनपुर विकासखंड की चांदो सहकारी समिति का. इस समिति के अंतर्गत आने वाले 5 ऐसे किसानों को लोन दिया गया है, जिनकी मौत हो चुकी है. लोन का पैसा कहां गया, ये भी किसी को नहीं पता.Loan to dead farmers in Surguja

चांदो सहकारी समिति में लोन फर्जीवाड़ा

रिकवरी हुई तब हुआ खुलासा:इस मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक ने मृत किसानो के बेटों से रिकवरी शुरू की. बिना किसी लोन के रिकवरी की बात सुनकर गरीब किसान घबरा गए. जब बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि उनके पिता के नाम से लोन निकाला गया है.

फर्जीवाड़े का आरोप: बड़ी बात यह है कि लोन के पैसे भी उस परिवार ने आहरित नहीं किये, जिससे वसूली की जा रही है. अब किसान समिति के कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं. क्योंकि बैंक उनसे पैसे मांग रहा है. किसानों ने इसकी शिकायत सरगुजा कलेक्टर से भी की है.

मजदूरी कर पालते हैं परिवार:5 किसान परिवार अलग अलग गांव में निवास करते हैं. ETV भारत इनके घर पहुंचा और इनसे बातचीत की. कुछ परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी बदतर है. उनकी जमीन भी डुबान क्षेत्र में आ चुकी है. खेती तक नहीं करते हैं. मजदूरी करके परिवार पालते हैं. ऐसे में बैंक का ऋण चुकाना, उनके लिए संभव नहीं है. परिजन कहते हैं कि जो पैसा उन्होंने लिया ही नहीं, वो वापस क्यों दें. साल 2019 में मृत व्यक्ति 2020 में लोन कैसे ले सकता है.

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2019 में मौत 2020 में लोन:ऐसे 5 मामले इस समिति के अंतर्गत हैं, जिनमे से 2 के घर ETV भारत पहुंचा. पहला गांव अमदला, जहां मृत दुल्हन राम के नाम से लोन निकाला गया है. इनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बताता है कि इनकी मृत्यु 2019 में हो चुकी है. बैंक स्टेटमेंट में 2020 में इन्होंने कर्ज लिया है. अब इनके बेटे मुन्ना राम से वसूली की जा रही है. मुन्ना राम बेहद गरीब हैं. मजदूरी करते हैं. वो कहते हैं कि ''पैसा लिया ही नहीं है और बैंक मांग रहा है. कलेक्टर से शिकायत किए हैं. उम्मीद है कि राहत मिलेगी.''

मृत्य प्रमाण पत्र दे रहा गवाही: दूसरा गांव है बेलखेरीखा. यहां एक किसान लोचन सिंह से बैंक पैसे मांग रहा है. जबकि लोन इनके पिता भागवत सिंह के नाम से 2020 में स्वीकृत है. इनके पिता की भी मृत्यु 2019 में हो चुकी है. मृत्यु प्रमाण पत्र भी मौत की गवाही दे रहा है. लेकिन बैंक ने लोन दे दिया है. पैसा कौन खा गया, ये भी पता नहीं है. इन दोनों किसानों के खाते में लगभग 3 लाख से अधिक का लोन दिया गया है.

रिकवरी होगी:इस मामले में बैंक प्रबंधन का कहना है कि इस समिति में पहले हुई गड़बड़ियों के मामले में संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई कर दी गई है. उनके खिलाफ एफआईआर के बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इस मामले में भी विभाग की ओर से कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी. किसानों के खातों में जो गड़बड़ियां है, उसे सुधार के लिये कहा गया है. वहीं बैंक इन कर्मचारियों से रिकवरी करने के लिए भी कार्रवाई कर रहा है.

Last Updated : Sep 22, 2022, 6:48 PM IST

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