सरगुजा: कोरोना वायरस की जांच के लिए स्थापित किया गया आरटीपीसीआर लैब (RTPCR Lab) अब अन्य बीमारियों की जांच में भी सहायक बन रहा है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग (Department of Microbiology) जल्द ही लेप्टोस्पायरोसिस व टायफस फीवर (Leptospirosis and typhus fever) की जांच भी शुरू करने जा रहा है. ये दोनों ही बैक्टीरियल संक्रमण (bacterial infection) हैं और काफी घातक होते हैं. बड़ी बात है कि इन दोनों ही बीमारियों के लक्षण समान्य मलेरिया, टायफाइड (malaria, typhoid) व अन्य बुखार वाली बीमारियों की तरह ही होते हैं.
सरगुजा संभाग की बात की जाए तो ऐसी बीमारियों की आशंका डॉक्टरों ने अधिष्ठाता के समक्ष जाहिर की थी जिसके बाद इन दोनों बैक्टीरियल इंफेक्शन की जांच के लिए पहल की गई है और अब एक महीने के अंदर किट आने पर दोनों जांच मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वायरोलॉजी लैब (Virology Lab) में शुरू करने की बात कही जा रही है.
कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने से पहले कोई भी व्यक्ति इस वायरस से पूरी तरह अनजान था. सामान्य तौर पर हम मलेरिया, डेंगू, टायफाइड, निमोनिया, कालाजार वायरल व पेशाब में संक्रमण (Malaria, Dengue, Typhoid, Pneumonia, Kala-azar Viral and Urinary Infection)जैसी बीमारियों को ही जानते थे लेकिन अब कोरोना वायरस से हर कोई भली-भांति वाकिफ है. कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच अब संभाग में लेप्टोस्पायरोसिस व स्क्रब टायफस फीवर जैसी बीमारी की भी संभावना बढ़ गई. हालांकि इन दोनों वायरस की पुष्टि नहीं हुई है.
लेप्टोस्पायरोसिस व टायफस फीवर बैक्टीरियल इंफेक्शन (Leptospirosis and typhus fever bacterial infections) है. इनके लक्षण भी बाकी बिमारियों की तरह ही हैं. चूंकि डॉक्टर लक्षण आधारित उपचार करते हैं और पिछले कुछ दिनों से सामने आ रहे बुखार के मामलों की जांच व अध्ययन के बाद डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज के के अधिष्ठाता से चर्चा के दौरान इन दोनों बैक्टीरियल इंफेक्शन की संभावना जताई थी.