सरगुजा:कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से आ रहे उछाल व संक्रमण दर में वृद्धि के बीच राहत की बात ये है कि इस बार पहली व दूसरी लहर की तुलना में संक्रमण लोगों को कम प्रभावित कर रहा है. यही वजह है कि अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति नहीं बन रही है. बड़ी संख्या में लोग होम आइसोलेशन में ही डिस्चार्ज हो रहे हैं. खास बात ये हैं कि पिछले सालों की तुलना में कम समय में लोग पूरी तरह से ठीक होकर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लौट रहे हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं आई है. लेकिन आने वाले दिनों में संक्रमण किस तरह से शरीर पर अपना असर दिखाएगा. यह तय नहीं है. इसलिए लोगों को अभी भी इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.
सरगुजा में कोरोना मरीजों के आंकड़े (surguja corona update )
सरगुजा जिले में तीसरी लहर की शुरुआत के बाद से 1 जनवरी से 18 जनवरी तक 1616 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो चुकी है. जिसमें से 1608 मरीजों ने होम आइसोलेशन को चुना और 954 मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो चुके है.
Changes in rules of home isolation: होम आइसोलेशन के नियम में बदलाव, जानिए कोरोना मरीजों को अब कितने दिन रहना होगा होम आइसोलेट
होम आइसोलेशन के नियम में किया गया बदलाव, पहले इस तरह का था नियम (Changes in rules of home isolation in Surguja)
होम आइसोलेशन के दौरान पहले के नियमों के साथ ही इस बार मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को वैक्सीनेशन की दोनों डोज लेना अनिवार्य कर दिया गया है. होम आइसोलेशन में इस बार हाई रिस्क के मरीजों को भी रखने की व्यवस्था कर दी गई है. हाई रिस्क के मरीजों की निगरानी डॉक्टर ही करेंगे. इसकी जानकारी परिजन को स्वास्थ्य विभाग के होम आइसोलेशन विभाग को देनी होगी.
लक्षण आधारित दवाओं से ठीक हो रहे कोरोना मरीज
विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि 'कोरोना की पहली और दूसरी लहर में होम आइसोलेशन के मरीजों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, आइवरमेक्टिन देने की जरुरत पड़ी थी. लेकिन इस बार इन दवाओं से अलग सिर्फ लक्षण आधारित दवाएं ही लेने की सलाह दी जा रही है. बुखार रहने पर पेरासिटामोल दिया जा सकता है. काढ़ा और पानी का भाप ले सकते हैं. इस बार जिंक और विटामिन सी के टेबलेट की आवश्यकता भी नहीं पड़ रही है. दवाएं मरीजों को चिकित्सकों की सलाह पर ही लेनी है. लेकिन सामान्य दवाओं से भी मरीज जल्द ठीक हो रहे हैं.
कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से पहली व दूसरी लहर के दौरान मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए होम आइसोलेशन की व्यवस्था शुरू की गई थी. पहले की दोनों लहरों में भी ज्यादातर लोगों को होम आइसोलेशन में भी राहत मिली. एक बड़ा वर्ग ऐसा भी था, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आई और उन्हें ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर तक की जरुरत पड़ी. अस्पताल में भर्ती सैकड़ों मरीजों की मौतें भी हुई.
देश में अब कोरोना की तीसरी लहर चल रही है. पहले की अपेक्षा इस बार जनवरी से कोरोना संक्रमण चालू हुआ और अब यह विकराल रूप ले चुका है. एक जनवरी से नए कोरोना केस की शुरुआत हुई और महज 10 दिनों के भीतर ही आंकड़े दहाई के पार पहुंच गए. अब स्थिति ये है कि छत्तीसगढ़ में हर दिन पांच हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं.