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चिरायु योजना बच्चों के लिए बनीं वरदान जानिए कैसे ?

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Published : May 27, 2022, 12:31 PM IST

छत्तीसगढ़ में चिरायु योजना बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही. इस वर्ष 1 लाख 20 हजार से अधिक बच्चों का मुफ्त इलाज(chirayu Yojana in chhattishgarh) हुआ.

chirayu Yojana became a boon for children
चिरायु योजना बच्चों के लिए बनीं वरदान

सरगुजा :देश चल रही बाल स्वास्थ्य योजना जिसे चिरायु योजना का नाम दिया (chirayu Yojana in chhattishgarh) गया. यह योजना वरदान साबित हो (chirayu Yojana became a boon for children)रही है. गरीब लोगों के लिये यह योजना जीवन दायनी है. जिसमे शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों की गंभीर बीमारी इलाज पूरी तरह निःशुल्क किया जाता है.

चिरायु योजना बच्चों के लिए बनीं वरदान

यूपीए सरकार की सौगात :केंद्र की यूपीए सरकार ने देश मे जन्म लेने वाले बच्चों में बीमारी के आंकड़े देखकर यह योजना (upa chirayu yojna) शुरू की थी. 2013 में यह योजना बनी और 2014 में इसे शुरू किया गया. यूपीए के अंतिम कार्यकाल की यह बड़ी सौगात रही है. इस योजना के परिणाम अब सामने आने लगे हैं. योजना के पीछे का उद्देश्य जन्मजात बीमार बच्चों को समय से पहले चिन्हांकित कर उनका इलाज किया जाना है. ताकि बच्चा बीमारी की वजह से दिव्यांगता का शिकार ना हो सके. क्योंकि दिव्यांगता ना सिर्फ परिवार बल्कि देश के लिए भी बड़ा अभिशाप बन जाता है.


प्रदेश में इलाज के आंकड़े :छत्तीसगढ़ प्रदेश में इस योजना की तीन वर्ष की प्रगति देखने के लिए हमने कुछ आंकड़े जुटाए. आंकड़ों को देख अंदाजा लगाया जा सकता है की यह योजना वरदान साबित हो रही है. प्रदेश में 21339 गांव में वर्ष 2022-23 में 120219 बीमार बच्चे चिन्हांकित किये गये, जिनमे से 112330 बच्चों का इलाज जिलों में ही किया गया और 7884 रायपुर रेफर किये गए. जिनका इलाज बड़े निजी अस्पताल में कराया गया. वहीं वर्ष 2021-22 में 375163 बच्चे चिन्हांकित किए गए. जिसमे से 350824 बच्चों का इलाज स्थानीय स्तर पर और 24277 बच्चों का इलाज रेफर कर कराया गया. वहीं वर्ष 2020-21 में कोरोना काल की वजह से योजना लगभग बंद जैसी ही रही, इस वर्ष सिर्फ 77 बच्चे चिन्हांकित किये गए. जिनमे से 75 का इलाज स्थानीय स्तर पर और 2 का इलाज रेफरल में कराया गया.


चिरायु टीम खोजती है मरीज :चिरायु योजना के नोडल अधिकारी (nodal officer of chirayu yojana) डॉ. अमीन फिरदौसी बताते हैं कि "आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में चिरायु की टीम जाकर बच्चों का परीक्षण करती है. और पहचान करने के बाद उस बच्चे का सम्पूर्ण इलाज निःशुल्क कराया जाता है. सबसे जरूरी बात यह है की माता पिता भी घर में बच्चों की हरकतों पर नजर रखें ताकि समय से पहले बीमारी की पहचान हो सके. जितनी जल्दी पहचान होगी उतनी आसानी से इलाज संभव होगा. लोगों में जितनी अधिक जागरूकता आएगी. हम उतना जल्दी योजना के उद्देश्य तक पहुंच सकेंगे.


44 तरह की बीमारियों का इलाज :डॉ. अमीन (Dr Amin Firdausi) बताते हैं की 44 तरह का गंभीर इलाज चिरायु के तहत कराया जाता है. जिसमे हृदय रोग, मानसिक रोग, जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी शामिल है. बड़ी बात यह है कि इस योजना के तहत परिजनों के आने जाने से लेकर इलाज तक का सारा खर्चा इस योजना के मद से वहन किया जाता है. परिजन का एक भी खर्च नही होता है.


समय से पहले कराए इलाज : बहरहाल कोरोना काल मे भले ही योजना ठंडी पड़ गई हो लेकिन स्थिति सामन्य होते ही फिर से चिरायु योजना अपने काम में लग गई. भारत में जन्म लेने वाले 100 में से 6 बच्चा बीमार पैदा होता है. इन बीमार बच्चों में से 30% बच्चों की मौत हो जाती है. इसी औसत को कम करने चिरायु योजना चलाई जा रही है. आप भी आसानी से इस योजना का लाभ ले सकते हैं. अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर आप चिरायु से अपना इलाज करा सकते हैं.

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