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सरगुजा अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी : प्रेमी संग पत्नी ने की थी पति की हत्या, शव की न हो पहचान इसलिए कर दिये थे कई टुकड़े - अंबिकापुर पुलिस ने कातिलों को दबोचा

अंबिकापुर के गर्दन पाठ में मिले शव की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस को इस केस को सुलझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, टुकड़ों में मिला था शव, ऐसे खुला हत्या का राज

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Published : Mar 14, 2022, 8:40 PM IST

सरगुजा : 9 महीने पहले शहर से लगे गर्दनपाठ में हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आये हैं, वो बेहद चौंकाने वाले हैं. घटना में शव कई टुकड़ों में मिला था. इससे पुलिस को शव की शिनाख्त करने में काफी समय लग गया. इस कत्ल की वजह अवैध संबंध था. यह किसी को नहीं पता था कि ये संबंध किसी की जान पर बन आएगा.

कब हुई थी कत्ल की वारदात ?

20 जून 2021 को गर्दनपाठ मंदिर के पीछे तालाब में कुछ लोग मछली पकड़ने गए. उनमें से किसी ने देखा कि एक जूट की बोरी में कुछ सामान भरकर उसे झाड़ियों में फेंका गया है. आसपास काफी दुर्गंध फैल रही है. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से बोरी खुलवाई तो सभी चौंक उठे. बोरी के अंदर टुकड़ों में एक पुरुष का शव था.

पुलिस के लिए थी अबूझ पहेली

पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती शव के शिनाख्त की थी. डॉक्टरी जांच में शव 25 दिन पुराना पाया गया. इसलिए पुलिस को लग रहा था कि कातिल आसानी से बचकर निकल जाएगा. सरगुजा पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए शहर के सभी सीसीटीवी खंगाला. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंंड समेत आसपास के पुलिस थाने में सूचना भिजवाई. पोस्टर के माध्यम से शव के बारे में जानकारी मांगी गई. थानों में गुमशुदा लोगों की रिपोर्ट पर भी पुलिस की नजर थी. इसके बाद जब पुलिस को क्लू नहीं मिला तो सोशल मीडिया के माध्यम से शव की शिनाख्त के बारे में अभियान चलाया.

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पुलिस को मिला अहम सुराग

इसी दौरान पुलिस की विशेष जांच टीम को यह पता चला कि जनपद पारा अम्बिकापुर का रहने वाला व्यक्ति राजेश जायसवाल पिछले 3-4 महीनों से गायब है. उसके संबंध में कोई गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं है. उक्त संबंध में राजेश जायसवाल की बहन ललीता जायसवाल से पूछताछ की गई. इसके बाद ललिता जायसवाल ने कोतवाली पहुंचकर इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भाई राजेश जायसवाल लापता है. इसके बाद ललिता से गुम इंसान के बारे में पूरी जानकारी पुलिस ने हासिल की.

ललिता ने बताया कि उसके भाई के पैर असमान्य थे. इसलिए वो मोची से ही जूते या चप्पल सिलवाकर पहनता था. इसके बाद पुलिस ने एक अज्ञात शव के बारे में उसे जानकारी दी. ललिता ने पैर देखकर पुष्टि करने की बात कही. लेकिन पुलिस को शव के बाकी अंग नहीं मिले थे. लिहाजा पुलिस ने शव को राजेश का मानकर तफ्तीश शुरू की. पुलिस को पता चला कि राजेश की शादी सुनीता नाम की महिला से हुई थी. सुनीता का किसी बैजनाथ से अवैध संबंध था. पुलिस ने इसके बाद शव का डीएनए सैंपल लेकर उसका मिलान राजेश के पिता से कराया. यहीं से केस का रुख बदल गया.

एक क्लू ने बदला केस का पहलू

शव की पुष्टि हो जाने के बाद अब पुलिस ने सुनीता जायसवाल और बैजनाथ से अपने अंदाज में पूछताछ की. इसके बाद अंधे कत्ल से पर्दा उठ गया. दरअसल अवैध संबंध को लेकर राजेश और सुनीता का अक्सर विवाद होता था. 31 मई 2021 की शाम राजेश तथा सुनीता के बीच झगड़ा हो रहा था. इसी बीच बैजनाथ भी मौके पर पहुंचा और आवेश में आकर लोहे के रॉड से राजेश पर हमला कर दिया. इस हमले में राजेश की मौत हो गई.

शव छिपाने के लिए की क्रूरता

शव को छिपाने के लिए पत्नी सुनीता और प्रेमी ने दरिंदगी की हद पार कर दी. दोनों ने मिलकर टांगी की मदद से शव को छोटे टुकड़ों में काटा. किसी को शक न हो इसके लिए शव के हिस्सों को अलग-अलग करके गर्दनपाठ, बौरीबांध तालाब और शकरघाट नदी में फेंका गया. आरोपी बैजनाथ और सुनीता की निशादेही पर बौरीबांध तालाब से मृतक राजेश के घुटने के नीचे के दोनों पैर प्लास्टिक की बोरी में बंधे बरामद किए गए. जबकि मृतक के सिर की तलाश शंकरघाट नदी में की जा रही है. बहरहाल कोतवाली पुलिस ने मामले के आरोपी सुनीता जायसवाल और बैजनाथ जायसवाल को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया है.

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