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राजनांदगांव: सरपंचों के पास हैंडपंप लगाने तक नहीं है पैसे, पानी की किल्लत से जूझ रहा राजनांदगांव - जानकारी का भी अभाव

भीषण गर्मी में जिले के कई इलाकों में पानी की किल्लत हो गई है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरपंच का कहना है कि इसके लिए वे जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा.

पेयजल की किल्लत

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Published : May 17, 2019, 2:05 PM IST

राजनांदगांव: जिले में पचायतों के सरपंच विकास कार्य तो दूर लोगों को पीने का पानी तक मुहैया कराने में असमर्थ हैं. भीषण गर्मी में जिले के कई इलाकों में पानी की किल्लत हो गई है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं सरपंच का कहना है कि जिला खनिज मद से पैसा नहीं मिलने से वे लोगों की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं. सरपंच का कहना है कि इसके लिए वे जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा.

पानी की किल्लत से जूझ रहा राजनांदगांव

पेयजल की किल्लत
ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के लिए सरपंचों को DMF (जिला खनिज मद) से हर पांच साल में 5 करोड़ की राशि दी जाती है, लेकिन इस साल सरपंचों MDF की राशि नहीं दी गई. जिससे पंचायतों में कई विकास कार्य अटके पड़े हैं. सरपंचों के पास मूलभूत सुविधाओं पर खर्च करने के लिए राशि नहीं है. जिसे गांवों में नहर-पोखर या हैंडपंप का निर्माण नहीं कराया जा रहा है. इसके कारण जिले में पेयजल की समस्या विकराल रूप ले लिया है.

नल-जल योजना ठप्प
जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष चंद्र कुमार साहू ने बताया कि पंचायतों को MDF के तहत वित्त आयोग से जो राशि मिलती है. इससे पंचायत में लगभग सभी मूलभूत काम होते हैं. खासकर नल-जल योजना में इस फंड का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है. फंड में राशि नहीं मिलने के चलते नल-जल योजना ठप्प हो गई है.

जानकारी का भी अभाव
मामले में एडीएम ओमकार यादव का कहना है कि सरपंचों को जहां से राशि मिलती है उसकी जानकारी वहीं से मिल पाएगी, लेकिन यह भी हो सकता है कि आचार संहिता के चलते पंचायतों को राशि नहीं मिल पा रही है.

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