धमतरी: गांवों में फैले कोरोना संक्रमण ने मनरेगा (mgnrega in dhamtari) की रफ्तार थाम दी है. इसके चलते मजदूर काम मांगने नहीं आ रहे. स्थिति यह है कि मनरेगा से जो कार्य कराए जा रहे थे, वह अब ठप पड़ चुके हैं. वहीं लंबित भुगतान के चलते कई पंचायतों में काम बंद करा दिया है.
धमतरी में कोरोना से थमी मनरेगा की रफ्तार, नहीं आ रहे मजदूर कोरोना से मनरेगा का काम प्रभावित
धमतरी जिले में कोरोना की दूसरी लहर का असर शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी दिखा. हालांकि अप्रैल माह के बेकाबू हुए कोरोना हालातों के बाद अब थोड़ी राहत है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ने से ग्रामीण डरे हुए हैं. जिसके कारण मनरेगा कार्य में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. लॉकडाउन में मनरेगा कार्यों में छूट मिलने के बावजूद मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं.पिछले साल की तुलना में इस बार 50 फीसदी ही मजदूर ही काम पर आए हैं.
मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल रहा मेहनताना, ग्रामीण लगा रहे पंचायतों के चक्कर
पिछले साल की तुलना में घटे मजदूर
पिछले साल मई माह में रोजाना 50-60 हजार मजदूर मनरेगा में मजदूरी कर रहे थे, लेकिन इस साल इनकी संख्या घटकर औसतन 26 हजार मजदूर हो गई है. पिछले साल गांव में कोरोना का असर बिल्कुल भी नहीं था.इस कारण मनरेगा लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी का साधन बना हुआ था. जिसके चलते पिछले साल का रिकॉर्ड 85 लाख मानव श्रमिक दिवस कार्य हुआ था.
जल्द किया जाएगा भुगतान- कलेक्टर
जिला कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि जो लक्ष्य तय था, उसके मुताबिक मनरेगा के तहत लोगों को जिले में रोजगार दिया चुका है. कुछ भुगतान विलंब होने के कई पंचायतों में मनरेगा के काम रुके हुए हैं, जिन्हें जल्द शुरू कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि मनरेगा मजूदरों को भुगतान करने की प्रक्रिया जारी है.
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30 से अधिक गांवों में कोरोना संक्रमण तेज
कोरोना की दूसरी लहर ने शहर के साथ गांव को भी अपनी चपेट में ले लिया है. जिले के 30 से ज्यादा गांव ऐसे हैं. जहां पर संक्रमण काफी ज्यादा है. वहीं अन्य गांव में भी संक्रमण फैला हुआ है. इसके चलते मनरेगा का काम प्रभावित हुआ है.