बालोद: जिले के क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाली एक युवती की मौत का मामला सामने आया है. युवती की उम्र 20 साल है. जानकारी के मुताबिक युवती तेलंगाना से छत्तीसगढ़ आई थी. तेलंगाना से आने के बाद युवती को डौंडी क्षेत्र के पचेड़ा गांव में क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था.
कोरोना रिपोर्ट आने के पहले ही युवती का अंतिम संस्कार युवती 17 मई को तेलंगाना राज्य से पचेड़ा गांव वापस आई थी, जिसके बाद उसे गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. इस बीच युवती की अचानक तबियत बिगड़ने पर उसे बालोद कोविड-19 अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के बाद कोई सुधार नहीं होने पर उसे राजनांदगांव रेफर किया गया. वहीं राजनांदगांव में भी युवती की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उसे रायपुर के लिए रेफर किया गया. इस बीच रास्ते में युवती ने दम तोड़ दिया.
पढ़ें: झीरम हमला: अंतहीन दर्द के सात साल, प्रदेश दे रहा शहीदों को श्रद्धांजलि
फिलहाल युवती के मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है. युवती का सैम्पल लेकर रायपुर भेजा गया है. जिसका रिपोर्ट अभी आना बाकी है. वहीं दूसरी ओर मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. रायपुर से रिपोर्ट आने के पहले ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. यहीं नहीं इस अंतिम संस्कार में मृतक के परिजन सहित ग्रामीण मौजूद रहे.
शव का किया गया अंतिम संस्कार
बताया जा रहा है कि युवती का कोरोना टेस्ट किया गया था, लेकिन इस बीच अचानक तबियत खराब होने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद बिना रिपोर्ट आए उसके शव को परिवार के हवाले कर दिया गया और युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिससे प्रशासन की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
बता दें कि कोरोना संक्रमण यदि किसी में पाया जाता है, तो उसका अंतिम संस्कार शहर से दूर अलग जगह पर किया जाता है, लेकिन यहां रिपोर्ट आने से पहले ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.