कुम्हारों की कारुणिक अपील-मिट्टी के दीये जलाएं, कुम्हारों के घरों में छाए अंधेरे को दूर भगाएं
ईटीवी भारत को अपना दुखड़ा सुनाते हुए कुम्हारों ने बताया कि कठिन परिश्रम के बावजूद महज 80 रुपये प्रति सैकड़ा की दर से दीया बाजारों में बिकता है. इसपर भी लोग मोल-भाव करते हैं. जिलसके कारण एक दो दीये अतिरिक्त देने पड़ते हैं. चाइनीज दीये की बाजारों में आने से पहले तक पारंपरिक दीयों की खुब डिमांड रही. अच्छा-खासा मुनाफा होता था. मगर चाइनीज प्रोडक्ट बाजार में आने के बाद अपने पेशे को सिर्फ ढो रहे हैं. इस पेशे से बमुश्किल दो वक्त की रोटियों का इंतेजाम हो जाए इतना ही काफी है.