Ramadan 2023: मसौढ़ी के पुरानी बाजार और रहमतगंज मस्जिद में नमाजियों की उमड़ी भीड़ - रमजान 2023
माहे रमजान (Ramadan 2023) का पाक महीना चल रहा है. इन दिनों सभी रोजेदार रोजा रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति रमजान के महीने में रोजा रखता है और साफ दिल से दुआएं करता है, अल्लाह उसके गुनाहों को कई हद तक कम कर देता है. रमजान के महीने में रोजा रखने वालों के लिए तारावीह का नमाज खास माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर आपके मन में कोई दुआ या कोई ख्वाहिश है तो रमजान के महीने में सात दिन से तरावीह पढ़ने से मुराद पूरी होती है. तरावीह एक अरबी शब्द है, इसका मतलब आराम और तेहरान होता है. हमेशा तरावीह की नमाज ईशा की नमाज के बाद पढ़ी जाने वाली नमाज हैं. जिसमें 20 रकाते पढ़ी जाती है. जिसमें मुख्यत हर 2 रकात के बाद सलाम पढा जाता है. जिसमें 10 सलाम में 20 रकात होती है. वहीं हर 4 रकात के बाद दुआ पढ़ी जाती है. ऐसा माना जाता है कि 4 रकात के बाद मांगी जाने वाली दुआ में सभी नमाजी अपने चाहे और जानने वालों की सलामती और भाईचारे की दुआ करते हैं. यह नमाज महिला और पुरुष दोनों पर जरूरी है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार जिस घर में परिवार मिलकर तरावीह की नमाज करते हैं, वहां बरकत ही बरकत होती है.