'घर के सफाई नहीं होला बिना झाड़ू के, अरे जीजा जी उदास बाड़े देखला बिना साली के', पारंपरिक लोक व्यंग गीत से गुलजार हुआ सोनपुर मेला - traditional folk satirical songs at Sonepur Mela
Published : Nov 30, 2023, 6:58 AM IST
वैशाली: बुधवार की रात सोनपुर (Sonepur Mela 2023) के प्रसिद्ध हरिहरनाथ मेले के मंच से प्रस्तुत किए गए पारंपरिक लोक व्यंग गीत ने लोगों का मन मोह लिया. पर्यटक विभाग के मुख्य पंडाल में सरकारी कार्यक्रम का आनंद उठाने पहुंचे दर्शकों की खुशी का तब ठिकाना नहीं रहा, जब उन्हें अपनी ही भाषा में पारंपरिक व्यंग गीत सुनने को मिला. जीजा-साली और ससुराल के रिश्ते पर आधारित व्यंग गीत की पेशकश मशहूर लोक सिंगार रजत आनंद एंड म्यूजिकली टीम के द्वारा किया गया. संगीत से पहले एक शेर पेश किया गया कि 'घर के सफाई नहीं होला बिना झाड़ू के, अरे जीजा जी उदास बड़े देखला बिना साली के. अरे घर द्वार हित नाता छूटल सारा बा, एकरो से बढ़कर ससुरारी वाला नाता बा. इसके बाद रजत आनंद ने अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर गाने के मुखड़ा को आगे बढ़ाया. धन मध कठउत कुटम भईल साढू, लागल ससुराल से नाता, की छूटल घर से रिश्ता. मन बस गइले साली के नगरिया में, लागल ससुराल से नाता के छूटल घर से रिश्ता. बगल में शाली बैठे, नेहिया जमल बैठे'. इस व्यंग भोग गीत की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इस गीत को जहां रजत आनंद पारंपरिक अंदाज में प्रस्तुत कर रहे थे, वहीं उनके साथ ही बीच-बीच में आहा-आहा के बोल से गीत में चार चांद लगा रहे थे. हालांकि इस गाने से पहले रजत आनंद ने अपने अंदाज में भक्ति में समा बांधा. उन्होंने मशहूर लोक भजन राधेश्याम बिहारी भजमन, राधे श्याम बिहारी रे राम की अद्भुत प्रस्तुति देकर पूरा माहौल भक्ति में कर दिया. बता दें कि 32 दिनों तक चलने वाले सोनपुर मेला के मुख्य पर्यटक मंच पर लगातार पर्यटक विभाग और सारण जिला प्रशासन की ओर से संस्कृत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश के कई मशहूर कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकारों को भी शिरकत करने का मौका दिया गया है.
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