जज्बे को सलाम: शहीद हरदेव के गांव के युवा बोले- बनना है फौजी, करनी है देश सेवा
कारगिल युद्ध के 21 साल हो गए हैं. इसमें बिहार रेजिमेंट के 18 जवान शहीद हो गए थे. शहीद जवानों में नालंदा नालंदा के एकंगर सराय प्रखंड स्थित कुकुरवर गांव निवासी जवान हरदेव प्रसाद का नाम शामिल है. जिन्होंने दुश्मनों से लड़ते हुए देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौक्षावर कर दी थी. लेकिन उनका गांव आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है. सरकार की शहीद के गांव में विकास करने के दावे पूरी तरह से हवा हवाई साबित हुए हैं. कुकुरवर गांव में 21 साल बाद सरकारी योजनाओं की शुरूआत भी नहीं हो पाई है. साथ ही सरकार ने जवान हरदेव प्रसाद के परिवार से जो वादे किए थे. वो भी धरे के धरे रह गए. आज भी शहीद के परिजन उन वादों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से करीब 35 किलोमीटर दूर एकंगर सराय प्रखंड के कुकुरवर गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है. करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव तक पहुंचने वाला रास्ता आज भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. जवान हरदेव की शहादत के बाद कुकुरवर गांव को आदर्श गांव बनाने की घोषणा की गई थी. लेकिन सरकार की यह घोषणा सिर्फ घोषणा बन कर रह गई.