ग्राउंड रिपोर्टः बाढ़ में डूबी फसलें, बोले किसान- ऐसे में आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं
बिहार में बेमौसम बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. इससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति पर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. हमारे संवाददाता जब किशनगंज के गांवों में पहुंचे तो लोगों का दर्द छलक उठा. यहां आम लोगों के साथ किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिले में महानंदा, डोंक और कनकई नदियों का पानी किशनगंज, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, दिघलबैंक, पोठिया और टेढ़ागाछ प्रखंड के निचले इलाकों के दर्जनों गांव में घुस गया है. इससे लोगों के घर पानी में डूब गए हैं. साथ ही किसानों के लगाए गए फसल भी बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो गए हैं. किसान आत्महत्या की कगार पर पहुंच गए हैं. किशनगंज जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित गाछपाड़ा पंचायत के आधे दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है. इस गांव में महानंदा और डोंक दोनों नदियों का संगम होता है. इससे आसपास के गांव में दोनों नदियां भारी तबाही मचाती है. 2020 में गाछपाड़ा पंचायत के गांवों में पांच बार बाढ़ आ चुका है.