वो जीना चाहती थी...लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था
सुकुन और राहत के लिए गोपालगंज की सविता शहर के अच्छे अस्पताल से निकल कर घर आई थी, उसी घर में उसने अपनी आखिरी सांसे ली. वो जीना चाहती थी,लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था. अस्पताल से लौटने के महज दो दिनों बाद उसने दुनिया को अलविदा कह दिया, शायद उसी सुकुन और राहत के साथ,जिसके लिए वो घर लौटी थी.