बिहार के सहकारी बैंकों को केंद्र से मदद की दरकार, RBI को दी कमान के फैसले पर जाहिर की खुशी
देश को विकास की डगर पर ले जाने के लिए जिस कोआपरेटिव बैंकों का गठन किया गया था. वह सरकारी उपेक्षा और अनदेखी की ऐसी भेंट चढ़ी कि देश के विकास में भूमिका अदा करने बजाय ये बैंकें अपने वजूद के संघर्ष से जूझने लगी. अब इन सहकारी बैंकों को आरबीआई के निगरानी में लाने की बात तय की गई है. ऐसे में आरबीआई के नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर बिहार के सहकारी बैंकों के प्रबंधकों की क्या राय है. देखिए पूरी रिपोर्ट...