मजबूरी ने मासूम के कंधों पर डाला जिम्मेदारी का बोझ, सब्जी बेच कर चला रहा परिवार - लॉकडाउन
'मुश्किलों से कह दो उलझे नहीं हमसे, हमें हर हालात में जीने का हुनर आता है.' ये लाइनें गोपालगंज में सब्जी बेचते हुए दो बच्चों पर चरितार्थ होती हैं. उनकी मजबूरी ही उनको सब्जी बेचने के लिए सड़क पर ले आई है. मामला शहर के सरेया मुहल्ले का है, जहां दो बच्चे सब्जी बेंचते हुए नजर आए. ये बच्चे क्रमशः पांचवीं और तीसरी कक्षा के छात्र हैं. जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए ठेले पर सब्जी रखकर गली गली घूमघूम कर सब्जी लेलो... सब्जी लेलो... की आवाज लगाते हुए बेच रहे थे. सब्जी बेंचते बच्चे संदीप कुमार ने बताया कि उसके पिता बीमार हैं. जिससे घर चलाने में काफी परेशानी आ रही था. उसने बताया कि अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा वही है और लॉकडाउन के कारण स्कूल अभी बंद है. जिससे परिवार का पेट पालने के लिए उसने सब्जी बेंचना शुरू कर दिया.