पुश्तैनी कारोबार को छोड़ पलायन को मजबूर हैं बांका के बुनकर, सरकार से नहीं मिल रही कोई मदद - powerloom and handloom
जिले के बौंसी प्रखंड स्थित डहुआ गांव को बुनकरों का हब माना जाता था. दस साल पहले तक पावरलूम से कपड़े बनाने का कारोबार जब अपने परवान पर था तो लगभग 10 हजार से अधिक बुनकरों को रोजगार मिलता था. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि डहुआ भागलपुर के नाथनगर को अपने कारीगिरी के दम पर टक्कर देता था.