Haritalika teej 2023 : सुहागिनों ने अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना को लेकर की हरतालिका तीज
Published : Sep 18, 2023, 10:30 PM IST
पटना: हरितालिका व्रत ऐसा कहा जाता है कि स्त्री के लिए उसका पति हरि अर्थात भगवान होता है. तालिका का संदर्भ प्रतिष्ठा से हैं. हरितालिका व्रत के पुण्य प्रताप से व्रतकर्ता स्त्री के पति को प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. इसीलिए इस अत्यंत कठिन व्रत के नियमों का पालन भी स्त्रियां पूरी विधि विधान से करती हैं. इस व्रत का नाम हरितालिका इसलिए पड़ा क्योंकि माता पार्वती को उनकी सखी सबकी नजरों से बचाकर यानी हर कर वन में ले गई थी, जहां माता पार्वती ने तपस्या करके भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त किया था. हरितालिका तीज पति-पत्नी के प्रेम को प्रकट करने वाला त्यौहार है, जहां यह त्यौहार शंकर पार्वती के प्रति अटूट श्रद्धा का भाव व्यक्त करता है. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पतिव्रता स्त्री पति का रक्षा कवच है. इसी सौभाग्यदाहिनी ऊर्जा की नव जागृति है, हरितालिका व्रत. श्री राम जानकी ठाकुर वाली मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल पांडे ने कहा एक स्त्री के संकल्प में इतनी शक्ति होती है कि वह यमराज से भी अपने पति के प्राणों की रक्षा कर सकती है, बस उसको जागृत करने की आवश्यकता है. प्राचीन विधि विधान द्वारा व्रत उपवास पूजन आज भी स्त्रियों के लिए सौभाग्य वर्धक है.