बिहार

bihar

Etv Bharat

ETV Bharat / videos

छठ महापर्व में महाप्रसाद है ठेकुआ, इसके बिना पूजा अधूरी, भगवान भास्कर से सीधा संबंध

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 19, 2023, 1:24 PM IST

पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है. सभी छठव्रती डूबते हुए सूर्य यानी अस्ताचलगामी को अर्घ्य देंगे, इससे पहले सभी व्रती छठ महापर्व के महाप्रसाद ठेकुआ को बनाने में जुट गए हैं और घाट पर जाने की तैयारी कर रहे है. छठ महापर्व का महाप्रसाद के रूप में ठेकुआ को जाना जाता है. ठेकुआ बड़े ही नियम से बनाया जाता है, आकार प्रकार और रंग में ठेकुआ बहुत हद तक सूर्य जैसा दिखता भी है, इसी कारण ठेकुआ को सूर्य का प्रतीक भी माना जाता है. छठ पूजा में छठी मइया को विशेष प्रसाद ठेकुआ चढ़ाया जाता है. साथ ही ठेकुआ के बिना छठ का यह महापर्व अधूरा माना जाता है. छठ में इसे बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी के साथ तैयार किया जाता है. जिसमें गेहूं के आटे, गुड़ और घी का इस्तेमाल किया जाता है. ठेकुआ तैयार कर रही छठव्रती श्यामा देवी ने बताया कि ठेकुआ लकड़ी के गोल सांचे में ही तैयार किया जाता है. हालांकि गोल के अलावा ठेकुआ कई आकर में भी बनाया जाता है. बता दें कि लोग इसके लिए ठेकुआ वाले विभिन्न सांचे का भी इस्तेमाल करते हैं. ठेकुआ को कढ़ाई में हल्की आंच पर पकाया जाता है. हल्का सुनहरा होने तक तला जाता है फिर निकाल लिया जाता है. वैसे तो छठ पर्व में कई प्रकार के फल का खास महत्व है लेकिन ठेकुआ का एक अलग ही महत्व माना जाता है क्योंकि इसे लोग एक महाप्रसाद के रूप में जानते हैं और इसके बिना यह पर्व अधूरा होता है.
 

इसे भी पढ़ें-

जानें क्यों बंद कमरे में व्रती करते हैं खरना, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

छठी मईया के गीत से गूंजा बिहार, भोजपुरी सिंगर कल्पना पटवारी की सुरीली आवाज का छाया जादू

बिहार के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक है बेलाउर छठ घाट, यहां मनोकामना सिक्का है महत्वपूर्ण

ABOUT THE AUTHOR

...view details