Bihar Caste Census : पटना हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी, तो एक बार फिर से शुरू गई जातीय गणना
पटना: बिहार में जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद एक बार फिर से युद्धस्तर पर काम शुरू हो गया है. अब फिर से हर घर प्रगणक जाएंगे और विभिन्न डाटा को भरा जाएगा. कुल 17 बिंदुओं पर डाटा एकत्रित कर संबंधित जाति आधारित गणना के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. इसी कड़ी में मसौढ़ी अनुमंडल में 1,821 गणनाकर्मी लगाए गए हैं.
दूसरे राज्यों में भी उठने लगी मांग: बता दें कि बिहार में पटना पटना हाईकोर्ट के जाति आधारित गणना को रोकने वाली तमाम याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया गया. इसके बाद सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द जाति आधारित सर्वे का काम पूरा कराएं. ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि 10 से 12 दिनों में अधिकांश क्षेत्रों में कार्य पूरा कर लिया जाएगा. अब कई राज्यों में जातीय गणना की मांग उठने के बाद यह कहा जाने लगा है कि बिहार की यह जातीय गणना अन्य कई राज्यों के लिए नजीर बनेगी. इसे लेकर सियासत भी खूब हो रही है.
गणना में लगाए जाएंगे शिक्षक : वहीं, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को भी गणना कार्य में लगाने को लेकर सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि शिक्षकों को जाति गणना में लगाया जाए। जिससे सर्वे का काम तेजी से पूरा हो सके. हालांकि, पत्र में यह भी कहा गया है कि जातीय जनगणना कराने के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि कोई भी विद्यालय बिना टीचर के नहीं हो.