बाढ़ और खगड़िया का है चोली-दामन का साथ, जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद तटबंधों की मरम्मती शुरू
खगड़िया में इस साल भी मॉनसून की दस्तक के साथ ही लोगों के जेहन में बाढ़ की यादें ताजा हो गई है. खगड़िया और बाढ़ का चोली दामन का रिश्ता रहा है. 20वीं सदी के पहले दशक से ही खगड़िया में बाढ़ का इतिहास मिलता है. 1904 और 1906 में यहां गंगा और बूढ़ी गंडक की बाढ़ से भीषण तबाही मची थी. इसके बाद 1987 से मानों बाढ़ से तबाही का सिलसिला ही चल पड़ा. जिले को 1904,1906,1987 और फिर 2001 से 2016 तक बाढ़ की वजह से बड़ी त्रासदी झेलनी पड़ी है. बरसात आते ही हर साल आम आदमी के साथ-साथ प्रशासन भी चौकस हो जाता है. इस साल प्रशासन की ओर से भरपूर तैयारी की जा रही है. बाढ़ नियंत्रण अंचल की ओर से बांध और तटबंधों की मरम्मती का काम कराया जा रहा है.