21वीं सदी में भी बिहार के किसानों का ये है हाल
सारण: भारत को भले ही कृषि प्रधान देश कहा जाता हो लेकिन, बिहार में किसानों को दुर्दशा का शिकार होना पड़ रहा है. यहां केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं सिर्फ कागजों में है. आलम यह है कि किसानों को खेती के लिए बुनियादी संसाधनों का घोर अभाव है. सारण के सदर प्रखंड स्थित तेनुआ पंचायत में किसानों की दुर्दशा सरकार की सभी योजनाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रही है. पेश है खास रिपोर्ट: