भागलपुर ब्लास्टः पिता के जूते-चप्पल और चश्मा को सीने से लगाकर फफक पड़ी रजनी, कहा- इन्हें हमेशा अपने पास रखूंगी
रजनी सिंह एक साल के बाद अपने घर भागलपुर के काजवलीचक आई है. पिता ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि बेटा होली में घर आ जाओ. पिता को उसने एक साल से देखा भी नहीं था, इसलिए जल्द ही घर आनेवाली थी. लेकिन उसे क्या पता था, भागलपुर ब्लास्ट में पिता के नहीं रहने के बाद उनके जूते, चप्पल से उसको आशीर्वाद लेना पड़ेगा. चश्मे को गले लगाकर पिता के पास होने का एहसास करना पड़ेगा. क्या कसूर था पापा का.. साल भर से उनको देखे भी नहीं थे.. पापा ने कहा था कि होली में घर आ जाओ.. कुछ दिन रहकर चली जाना.. अचानक दीदी का फोन आया कि वे इस दुनिया में नहीं रहे.. धमाके की चपेट में वे भी आ गए.. यह कहते हुए रजनी मलबे में कुछ ढूंढने लगती है. रजनी को पिता गणेश सिंह का चप्पल, जूता और चश्मा मिलता है और कहने लगती है हम इन सामानों को अपने पास रखेंगे. कहते ही वह बिलख-बिलख कर रोने लगती है. भागलपुर के काजवालीचक में ब्लास्ट (Bhagalpur Blast) के पांच दिन बाद रजनी अपने घर पहुंची थी. वह दिल्ली में रहकर पढ़ाई भी करती है और जॉब भी करती है. देखें वीडियो..
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:19 PM IST