बगहाःअनुमंडल अंतर्गत कई पंचायतों में लॉक डाउन की वजह से कुंद पड़े मजदूरों के हाथों को आखिरकार रोजगार मिल गया है. जिससे उनके चेहरे पर लंबे समय बाद मुस्कान वापस लौट आई है. मजदूरों का कहना है कि उनके सामने भोजन-पानी का संकट गहराने लगा था. ऐसे वक्त में रोजगार मिलने से एक बड़ा सहारा मिला है.
मनरेगा ने लौटाई सैकड़ों मजदूरों के चेहरे की खुशी
जिला के बगहा अंतर्गत सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिलने से उनके चेहरे पर चमक आ गई है. दरअसल कोरोना महामारी की संकट से जुझ रहे देश के विकास की रफ्तार काफी मंद पड़ गई है और लॉक डाउन की वजह से सब कुछ ठहर सा गया है. लोग अपने घरों में रह रहे हैं और व्यवसाय सहित सारा काम ठप पड़ा है. ऐसे में जब जॉब कार्डधारी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार मिला है, तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं है.
गहराने लगा था भोजन-पानी का संकट
बगहा के कई पंचायतों में जॉब कार्डधारियों के कुंद पड़ गए हाथों को मनरेगा के तहत रोजगार मिला है. प्रशासन के इस पहल ने मजदूरों के सामने गहराते जा रहे भोजन पानी की समस्या से निजात दिला दी है. भैरोगंज के नड्डा और सन्तपुर सोहरिया पंचायत में पईन निर्माण का कार्य चल रहा है. जिसमें काम कर रहे मजदूरों का कहना है कि तीन-चार माह से रोजगार नहीं मिला था और कुछ मजदूर जो पंजाब, जयपुर और अन्य प्रदेशों से लॉक डाउन के पहले आये थे वो भी मजदूरी से वंचित थे. अब काम मिला है तो कई सारी समस्याओं से निजात मिलता दिख रहा है.
मनरेगा से हो रहा है 6700 मीटर पईन की खुदाई
नड्डा पंचायत के मुखिया रामू चौधरी ने बताया कि जैसे ही सरकार की ओर से यह सूचना सार्वजनिक हुई कि लॉक डाउन में छूट के अंतर्गत मजदूरों को रोजगार देना है. तो पंचायत के ऐसे जॉब कार्डधारियों को चिन्हित किया गया. जिनके सामने चूल्हा नहीं जलाने का संकट गहराने लगा था और उन्हीं चिन्हित मजदूरों को पईन खुदाई के काम में लगाया गया है. मुखिया ने बताया कि तकरीबन पौने 4 लाख की लागत से 6700 मीटर पईन की खुदाई की जा रही है.