पश्चिम चंपारण:जिले मेंप्रवासी मजदूरों की घर वापसी के बाद बाजारों में कुदाल की डिमांड काफी बढ़ गई है. कुदालों की ज्यादा बिक्री होने के कारण, इसकी शॉर्टेज हो गई है. वहीं, लुहारों के यहां भारी संख्या में मजदूर कुदाल बनवाने पहुंच रहे हैं. मजदूरों के बीच ये आस जगी है कि सरकार स्थानीय स्तर पर ही मनरेगा या अन्य सरकारी योजनाओं में उनको रोजगार देगी.
कुदाल की बढ़ी डिमांड
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से कल-कारखाने और उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं. वहीं, भारी संख्या में मजदूर बेरोजगार होकर गांवों को लौट रहे हैं. राज्य वापसी के बाद मजदूरों को ये आस जगी है कि सरकार उन्हें रोजगार के अवसर देगी. कुछ जगहों पर मनरेगा और नल जल योजना में रोजगार सृजन भी हुआ है. जिस वजह से कुदाल की डिमांड बढ़ गई है.
कुदाल की डिमांड के बाद कुदाल बनाते लुहार लुहारों के यहां लगी भीड़
लुहार जयनारायण शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 12 की संख्या में मजदूर कुदाल बनवाने के लिए आते हैं. पिछले एक महीने से कुदाल बनवाने के लिए आने वाले मजदूरों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. इतनी संख्या में कुदाल बनवाने को लेकर लुहार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण काफी संख्या में मजदूर वापस घर लौटे हैं. अगर उन्हें कहीं रोजगार मिलता है, तो कुदाल की आवश्यकता होगी. इसीलिए मजदूर कुदाल बनवाने पहुंच रहे हैं.
दुकानों पर नहीं मिल रहा कुदाल
जिले में कुदाल की बिक्री बढ़ने से दुकानों पर कुदाल मिलने ही बंद हो गए. वहीं, अब जब ट्रांसपोर्ट सुविधा शुरू हुई है, तो माल आना भी शुरू हुआ है. दुकानदार पप्पू कुमार ने बताया कि पिछले कुछ सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि कुदाल की इतनी ज्यादा बिक्री हुई है. साथ ही दुकानदार ने कहा कि लॉकडाउन के पहले दुकानों में कुदालों का स्टॉक कम था, लेकिन लॉकडाउन में भी कुदालों की खरीद से मार्केट में कुदाल की शॉर्टेज हो गई है.